Move to Jagran APP

नहीं हो रहा मानदेय का भुगतान

टेटिया बम्बर (मुंगेर) संवाद सूत्र : पारा मेडिकल वर्करों को पिछले दस महीनों से मानदेय का भुगतान नही

By Edited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 11:03 PM (IST)
नहीं हो रहा मानदेय का भुगतान

टेटिया बम्बर (मुंगेर) संवाद सूत्र :

loksabha election banner

पारा मेडिकल वर्करों को पिछले दस महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गया है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जनवरी 2014 को पारा मेडिकल वर्कर नियुक्ति की गई थी। सभी पारा मेडिकल वर्कर अपने अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पुर्णरूपेण कार्य का ससमय समायोजन कर रहे हैं। बावजूद अबतक मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यही हाल कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक केटीएस को भी मार्च 2014 से भी मानदेय की भुगतान नहीं किया गया है। पारा मेडिकल वर्कर एवं केटीएस के सदस्यों ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से मानदेय की भुगतान की मांग की है।

---------------------------------

भारतीय ग्रामीण चिकित्सक संघ की बैठक

टेटिया बम्बर (मुंगेर) संवाद सूत्र :

भारतीय ग्रामीण चिकित्सक संघ की टेटिया बंबर शाखा की बैठक रविवार को बेसिक स्कूल बंबर में हुई। बैठक की अध्यक्षता डा. राममोहन केशरी ने की। बैठक में चिकित्सकों ने ग्रामीण चिकित्सकों को सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद भी प्रशिक्षण देकर सेवा नहीं लेने पर रोष जताया। संघ के प्रदेश महासचिव संजीव भारती ने बताया कि 21 अक्टूबर को जिला में जिला कार्य समिति में कार्यक्रम तय होगा। तय कार्यक्रम के अनुसार सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 अक्टूबर को राज्य भर में चिकित्सक चक्का जाम करेंगे। बैठक में चिकित्सक डा. योगेंद्र यादव, डा. रामाकांत सिंह डा. शकर सिंह, डा. शशिभूषण कुमार, पिंकी सिंह, डा. रामलखन यादव सहित सैकड़ों ग्रामीण चिकित्सक मौजूद थे।

---------------------------

शोक व्यक्त

टेटिया बम्बर (मुंगेर) संवाद सूत्र :

टेटिया बंबर थाना क्षेत्र के लगमा गांव निवासी समाज सेवी ज्ञानी पासवान का आकस्मिक निधन शनिवार को हो गया। उनके निधन पर भूना पंचायत कीमुखिया वीणा देवी, उप सरपंच नवलकिशोर शर्मा, पूर्व मुखिया प्रकाश सिंह ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

---------------------------

डेढ़ सौ वर्ष पुरानी है बंबर की मां काली मंदिर

टेटिया बम्बर (मुंगेर) संवाद सूत्र :

बम्बर की मां काली का मंदिर करीब डेढ़ सौ वर्ष पुरानी है। बंबर गांव के सीताराम केशरी ने बताया कि डेढ़ सौ वर्ष पहले जब गांव में हैजा की बिमारी फैली थी तो गाव के लोग आकस्मिक मौत के शिकार होने लगे। तभी गांव के लोगों ने मा काली की प्रतिमा स्थापित पूजा-अर्चना शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार मां काली की आराधना सच्चे दिल से करने पर मनोकमना पूरी होती है। बंबर गांव के रामदेव ठाकुर के पुत्र राजेश ठाकुर की पत्‍‌नी को पुत्र नहीं होने पर परिजनों ने मां काली से मन्नत मांगी थी। मां की कृपा से उन दंपत्ति क ो पुत्र की प्राप्ति हुई। वे बताते हैं कि वर्तमान में पूजा समिति का गठन कर भव्य रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। जिसमें बम्बर सहित आसपास के लोग भाग लेते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.