श्री राम जयराम जयजय राम से गूंजा योगाश्रम
मुंगेर, संवाद सूत्र : यज्ञ सफलता पूर्वक संपन्न हो गया। यज्ञ की सफलता में बाल योगमित्र मंडल के सदस्यों अहम भूमिका निभाई। ऐसा प्रतीत होता है कि आप सबों पर ईश्वर की कृ पा हुई है जो आप लोगा ने योग ज्ञान की झलक देखने के लिए देश विदेश से यहां पहुंचे हैं। यह बातें शुक्रवार को योगाश्रम में चल रहे पांच दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के समापन के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि परमहंस स्वामी सत्यानंद जी रिखिया में आवाहन परंपरा स्थापित किए और मुंगेर में परिवर्तन परंपरा स्थापित किए हैं। स्वामी यजमान और पंडितों को यज्ञ की सफलता के लिए धन्यवाद भी दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह के सत्र में गुरु पूजा से हुई। इसके बाद दिल्ली से आए स्वामी दिव्य मणि ने भरतनाटयम की प्रस्तुति दी। इसके बाद त्रियम्बकेश्वर से आए पंडित उपेंद्र जी मोरे, पंडित विद्यासागर डे, योगेंद्र जी, आत्माराम जी, संतोष जी दीक्षित, लक्ष्मण जी देव आदि के मंत्रोच्चारण से पूर्णाहुति हवन किया गया। इस दौरान आसपास का वातावरण मंत्रों के उच्चारण से गुंजायमान हो उठा। मौके पर बालयोग मित्रमंडल के सदस्यों स्वामी सत्यानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी सत्यानंद सरस्वती को आज के ही दिन संन्यास की गुरू दीक्षा मिली थी। इसलिए अज के दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। सदस्यों ने कहा कि साधु महात्माओं का जन्म अपने के मोक्ष के लिए नहीं बल्कि दूसरों क ो मोक्ष दिलाने के लिए होता है।
वहीं शाम में फिल्म सत्यम का प्रदर्शन किया गया। शाम के सत्र में श्रद्धालुओं ने मंत्रोच्चारण और भजन कीर्तन में भी भाग लिया। श्री राम जयराम जयजय राम पर भजन पर देश विदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो झूम उठे।