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पीएचसी संग्रामपुर स्वास्थ्य सेवा देने में विफल

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 09:28 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 09:28 PM (IST)
पीएचसी संग्रामपुर स्वास्थ्य सेवा देने में विफल

संग्रामपुर (मुंगेर), संवाद सूत्र : सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा में बेहतर सुधार के दावे किए जाते रहे हैं। वहीं प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर पतघाघर एवं दुर्गापुर में व्याप्त अव्यवस्था सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आती है। प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा तीन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 18 उपस्वास्थ्य केन्द्र है। जो धीरे-धीरे बीमार पड़ते जा रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 चिकित्सक नियुक्त हैं। वहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर में एक चिकित्सक एवं दो एएनएम एवं पतघाघर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सक एवं दो एएनएम पदस्थापित हैं। जबकि दुर्गापुर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मात्र एक एएनएम के भरोसे चल रहा है। उपस्वास्थ्य केंद्र में दो एएनएम की नियुक्ति का प्रावधान है। लेकिन एएनएम की पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण कई ऐसे उपस्वास्थ्य केंद्र हैं, जो महीने में एक या दो दिन ही खुलता है। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बतातें चलें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। यहा बाह्य रोगी कक्ष में मरीजों की भीड़ तो देखी जाती है, लेकिन अंत: रोगी कक्ष में प्रसवकालीन महिलाओं के सिवा दूसरे मरीज कभी दिखाई नहीं पड़ते हैं। प्रसवकालीन मरीजों के लिए अस्पताल में समुचित व्यवस्था का अभाव देखा जा रहा है। मरीजों को महत्वपूर्ण दवाईया बाजार से खरीदनी पड़ती है। सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरे, पैथोलॉजी जाच की मुफ्त व्यवस्था की गई थी। एक्सरे लगभग दो वर्ष से बंद पड़ा है एवं लगभग 6 माह से पैथोलॉजी जाच सेवा भी बंद है। जिससे मरीजों को परेशानी तो होती ही है, आर्थिक अधिभार भी सहन करना पड़ता है। उसी तरह युवा क्लिनिक दिखावा मात्र बनकर रह गया है। यूं कहा जा सकता है कि प्रखंड में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बद से बदतर है। एक्सरे एवं पैथोलॉजी जांच केंद्र बंद होने के बारे में प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ. उपेन्द्र कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि एक्सरे का संचालन एनजीओ के द्वारा किया जा रहा था । मरीजों की संख्या कम होने के कारण एक्सरे संचालक को घाटा हो रहा था। जिस कारण बंद कर चला गया है। वहीं पैथोलॉजी जांच केंद्र संचालक द्वारा स्वत: बंद कर दिया गया। इस बारे में सिविल सर्जन को लिखित सूचना दे दी गई है।


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