मुंगेर के हथियार तस्करों का हिजबुल से जुड़ा नेटवर्क
मुंगेर, जागरण संवाददाता : मुंगेर के हथियार तस्करों के नेटवर्क हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ गए हैं। बिहार एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) द्वारा बीते दिनों मुंगेर के बरदह गांव से छापामारी कर चार पिस्टल, 45 हजार रुपये, कई मोबाइल सिम के साथ मुंगेर के जमशेर आलम उर्फ जमशेद, जमालपुर के सुरेंद्र पासवान और उत्तर प्रदेश के फैजाबाद के निक्कू उर्फ अरुण सिंह को गिरफ्तार किया था। इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। एटीएस को इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के एरिया कमांडर रवेश उल इस्लाम को पिस्टल भेजे गए थे।
सूत्रों की मानें तो तीनों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर एटीएस फिलहाल एक-एक कड़ी को जोड़ने में जुटी है। इसके बाद हथियार तस्करों और आतंकी संगठन के नेटवर्क को ध्वस्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार अब हथियारों के अलग-अलग पार्ट अलग-अलग खेप में डिलवरी प्वाइंट तक पहुंचाए जाते हैं। जहां जाकर मुंगेर के कुशल हथियार करीगर हथियारों को फाइनल टच देते हैं। मिजोरम, नागालैंड आदि से अत्याधुनिक व बड़े हथियारों की खेप कबाड़ के जरिये देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाई जाती है। जबकि, मुंगेर से कबाड़ वाले गाड़ी में पिस्टल के अलग-अलग पार्ट-पुर्जे भेजे जाते हैं। कबाड़ में हथियारों के अलग-अलग पार्ट-पुर्जे भेजे जाने का मुख्य उद्देश्य पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देना है। अमूमन कबाड़ वाहनों को चेक नहीं किया जाता है। वहीं, हथियारों के अलग-अलग पार्ट में से एक मिलने पर उसे सुरक्षा कर्मी कबाड़ ही समझेंगे। हालांकि, इस संबंध में कोई भी पुलिस पदाधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। इधर, एएसपी संजय सिंह ने कहा कि इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कबाड़ के आड़ में अवैध हथियारों की तस्करी की जा रही हो। ऐसी सूचना मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।