पड़ताल में बंद मिला मातृत्व स्वास्थ्य केन्द्र
सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किए जाने की दावे करती आ रही है।
मधुबनी। सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किए जाने की दावे करती आ रही है। सरकारी स्तर पर इसके लिए पूरी व्यवस्था मुक्कमल किए जाने की बात भी कही जाती है। स्वास्थ्य सुविधा पर सरकारी खजाने से हजारों करोड़ रुपये खर्च किया जाता है। लेकिन क्या गरीब मरीजों को इसका लाभ मिल पा रहा है ? क्या लोगों को बिना पैसे के ही इलाज हो पा रहा है? इन्हीं बातों की पड़ताल करने दैनिक जागरण टीम शुक्रवार को दिन के 11.30 बजे प्रखंड क्षेत्र के गंगौर स्थित मातृत्व स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लेने पहुंची। वैसे तो यहां 24 घंटे लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा की जा रही है। इस अस्पताल में कुल आठ बेड है। लेकिन जब जायजा लेने के दौरान स्वास्थ्य केंद्र बंद मिला। आसपास एक भी कर्मी मौजूद नहीं थे। इस अस्पताल में एक चिकित्सक डा. केडी राय है। जिनका प्रतिनियोजन हरलाखी पीएचसी में कर दिया गया है। एक लिपिक अमीरी लाल व बीएचडब्लू रामप्रवेश तिवारी प्रतिनियुक्त है। एक एएनएम रामरेखा देवी पदस्थापित थीं, लेकिन दो माह पूर्व इनका निधन हो गया है। दो गार्ड अवधेश यादव व संतोष पासवान है। बावजूद आठ बेड वाला यह अस्पताल बंद देख गया । ज्ञात हो कि 26 जनवरी 2014 को तत्कालिन प्रखंड प्रमुख रीता देवी द्वारा इस स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया गया था। जायजा लेने के दौरान मौजूद मुखिया शिवचंद्र मिश्रा, पूर्व मुखिया पति र¨वद्र प्रसाद, पूर्व सरपंच धनीकलाल यादव, गुलाब प्रसाद, मो. उवैद, रंजीत मिश्रा, सितेश कुमार आदि ने बताया कि आज अगर यह स्वास्थ्य केंद्र चालू होता तो निश्चित ही गरीब लोगों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ता। विभाग द्वारा इमरजेंसी से लेकर प्रसव समेत सभी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने के दावे पेश की थी। लेकिन यह दावा उद्घाटन के कई वर्ष गुजरने के बाद भी धरातल पर उतर नहीं पाया है। मरीजों को मजबूरन प्राइवेट स्तर पर इलाज कराने को विवश हैं। इस संबंध में गंगौर एपीएचसी प्रभारी डा. केडी राय ने बताया कि उनकी प्रतिनियुक्ति पीएचसी में कर दी गई है। वैसे कर्मी गंगौर में मौजूद रहते हैं। हालांकि पीएचसी प्रभारी उमेश प्रसाद ¨सह से दूरभाष पर संपर्क स्थापित नहीं होने के कारण उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।
इस बाबत सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा ने कहा कि चिकित्सकों की कमी के कारण थोड़ी बहुत परेशानी आ रही है। वैसे मामले की जांच कर दोषी कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी।