यहां स्लोगन बन रह गया स्वच्छ भारत अभियान
याद करें 2 अक्टूबर 15 जब पीएम नरेंद्र मोदी ने स्व'छ भारत का संकल्प लेते हुए संपूर्ण भारतीयों को इसे एक अभियान के रुप में लेने का आह्वान किया था। अब महज चार दिन बाद उस उद्घोषणा के एक साल पूरे हो जाएंगे। समीक्षा करें तो अभियान कहीं अंधेरे में गुम हो गया सा लगती है।
शिवहर। याद करें 2 अक्टूबर 15 जब पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत का संकल्प लेते हुए संपूर्ण भारतीयों को इसे एक अभियान के रुप में लेने का आह्वान किया था। अब महज चार दिन बाद उस उद्घोषणा के एक साल पूरे हो जाएंगे। समीक्षा करें तो अभियान कहीं अंधेरे में गुम हो गया सा लगती है। यूं प्रतीत होता है कि संकल्प भुला दिया गया। फिर वही गंदगी, सड़कों पर कचरे का सामाच्य, बिना परिणाम की चिंता किए बेतकल्लुफी में आस-पास गंदगी का अंबार लगाए जा रहे हैं ।
- सबमें आई थी सफाई की सनक
शुरुआती दिनों में जो जोशोखरोश और बुद्धिमता का परिचय लोगों ने दिया था। ऐसा लगने लगा था कि अभियान शीघ्र हीं अपने लक्ष्य को पा लेगा। लेकिन उस जोश को ठंडा होने में भी वक्त नहीं लगा। अब पूछो तो लोग अपनी व्यस्तता का हवाला देकर निकल जाते हैं।
-फोटो खिंचाने की रहती थी बेताबी
स्वच्छता अभियान ने कुछ हीं दिनों में नुमाईश का रुप ले लिया। अभियान का मतलब सिर्फ फोटो खिंचवाना और छपवाना भर रह गया। नतीजतन स्वच्छता अभियान से लोगों का मोहभंग होने लगा। वर्तमान में स्थिति ये है कि अब कचरे का अंबार सरेराह दिखने लगा है। अब तो बुद्धिजीवी वर्ग भी कहने लगे हैं कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है। निर्देशों की अनदेखी करनेवालों को दंडित करके हीं गांधी जी के सपनों को पूरा किया जा सकता है।