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घर से थाली लाते बच्चे

मधुबनी। मध्यान्ह भोजन की धरातलीय स्थिति परखने जागरण संवाददाता ने मंगलवार को विद्यालय का रुख किया। जा

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 11:46 PM (IST)
घर से थाली लाते बच्चे

मधुबनी। मध्यान्ह भोजन की धरातलीय स्थिति परखने जागरण संवाददाता ने मंगलवार को विद्यालय का रुख किया। जागरण संवाददाता ठीक 12/30 बजे दोपहर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बलभद्रपुर पहुंचा। दो रसोइया रेणु देवी एवं महावती देवी खाना तैयार कर चुकी थीं। खाना में मेन्यू के हिसाब से जीरा राइस एवं आलू सोयाबीन की सब्जी बननी थी। जीरा राईस के बदले सामान्य चावल बनाया गया था यानि जीरा राइस नहीं बना था। सब्जी में सोया एवं आलू की मात्रा सही थी तथा सब्जी का ग्रेवी देखने से ठीक लगी। हालांकि खाना खाते वक्त बच्चों ने भी सब्जी की प्रशंसा की। कहा- स्वाद अच्छा है। हालांकि यहां रसोई घर अभी तक नहीं बना हुआ है। रसोइया बरामदा पर ही खाना बनाईं थी तथा रसोई में उपयोग होने वाली सामग्री विद्यालय के एक कक्ष में रखी गई थी। मसाला, तेल वगैरह कंपनियों के डिब्बे में था। पचास छात्र उपस्थित थे। हेडमास्टर हेमंत कुमार ने बताया कि खाना खाते वक्त विद्यालय के बाह्य बच्चे भी आते हैं जिसे भी खाना दिया जाता है। यहां दो चीजें विद्यालयी व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही थी। एक शिक्षिका नूसरत परवीन बिना किसी पूर्व आवेदन के अनुपस्थित थी। नुसरत परवीन बीते 24 अगस्त के बाद विद्यालय नहीं आई थी। उनके कॉलम को खाली छोड़ा गया था। हालांकि संवाददाता के सवाल पर हेडमास्टर ने उनके कॉलम में उसी वक्त आकस्मिक अवकाश भर दिया। मध्यान्तर में खाना खिलाने की जब घोषणा हुई तो सभी बच्चे स्कूल छोड़ अपनी अपनी घर की ओर भागे और घर से अपनी-अपनी थाली लेकर आए। उस थाली में खाना खाया उसे धोया और फिर घर पर थाली रखने गए। विद्यालय प्रशासन ने कहा कि थाली खरीदी गई थी लेकिन बच्चों ने इधर-उधर कर दिया। अब बच्चे घर से ही थाली लाते हैं।


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