सात निश्चय योजना का बहिष्कार करने पर विचार
मधुबनी। मुखिया महासंघ की बैठक पंचायत भवन उच्चैठ के परिसर में शुक्रवार को मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मि
मधुबनी। मुखिया महासंघ की बैठक पंचायत भवन उच्चैठ के परिसर में शुक्रवार को मुखिया महासंघ के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सर्वसम्मति से मुखिया महासंघ द्वारा सीएम के सात निश्चय योजना का बहिष्कार करने एवं सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने, संगठन को मजबूत करने, आम जनता के समस्याओं को उठाने सहित कई बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में मुखिया महासंघ के जिलाध्यक्ष कृपानंद आजाद ने कहा कि बिहार सरकार पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त व अस्तित्व को समाप्त करने में लग गई है। बिहार सरकार के कैबीनेट पंचायत राज संसोधन अध्यादेश 2017 द्वारा ग्राम स्वराज पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त करने, लोक तंत्र के मूल आत्मा ग्रामसभा के अस्तित्व को समाप्त करने एवं पंचायती राज अधिनियम 2006 के अन्य महत्वपूर्ण धाराओं में मनमाना एवं तानाशाही बदलाव तथा केंद्रीय अनुदान 14वें वित्त आयोग के दिशा-निर्देश के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा जबरन निर्देश थोपने के कारण लगभग एक वर्ष से राशि खर्च नहीं होने देने से विकास कार्य अवरुद्ध हो गया है। भारत सरकार अपने दिशा-निर्देश के साथ पंचायतों को सीधी राशि उपलब्ध करा रही है जबकि राज्य सरकार निर्देश के अनुपालन कराती रही है। सीएम नीतीश कुमार अपने निश्चिय योजना को अपने संसाधन से नहीं बरन केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश एवं जीपीडीपी के विरुद्ध केंद्र सरकार के राशि से सात निश्चिय कराकर अपना चेहरा चमकाने एवं श्रेय लेने के लिए पंचायती राज व्यवस्था के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। श्री आजाद ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार वोट के राजनीति के लिए उच्च न्यायालय को नीचा दिखाते हुए भारत सरकार के राशि से अपना चेहरा चमकाने एवं एकतंत्रात्मक सत्ता के अहम में तानाशाही शासक के तरह मनमाना एवं एकाधिकार्यवादी निर्णय को कानूनी अमलीजमा पहनाकर पंचायती राज संस्था को कमजोर करते हुए मुखिया को अपना गुलाम बनाना चाहते हैं। मुखिया महासंघ द्वारा जिला के सभी विधायक एवं विधान पार्षद को पत्र भेजकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है। बैठक में मुखिया इंदू देवी, किरण देवी, अजय कुमार झा, लाल नारायण ¨सह, अमरेंद्र कुमार मिश्र सुगन, तुलसी देवी, गुलाब ठाकुर, अब्दुल मालिक, अशोक कुमार रंजन, लीला देवी, मंजू देवी, मो. आलम अंसारी, पुष्पा देवी, ममता देवी, रेणु देवी, कुमारी रीता गुप्ता, ललिता देवी, शिला देवी, इंदु देवी सहित कई मुखिया ने अपना विचार प्रकट किया।