करंट से महिला की मौत, जाम
मधुबनी। मधवापुर थाना के बिहारी गांव स्थित मुखियापट्टी टोल में शुक्रवार की सुबह बिजली का 11 हजार बोल्
मधुबनी। मधवापुर थाना के बिहारी गांव स्थित मुखियापट्टी टोल में शुक्रवार की सुबह बिजली का 11 हजार बोल्ट की तार टूट कर गिरने से उसके चपेट में आकर 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मृत महिला खेत से धान की रोपनी कर अपने घर आ रही थी। पोखरा के किनारे अचानक 11 हजार बोल्ट का तार टूट कर महिला के शरीर पर गिरने से महिला की मौत घटना स्थल पर ही हो गई।मृत महिला की पहचान बिहारी मुखियापट्टी टोल निवासी मो. नासिर कबारी की 50 वर्षीया पत्नी मदिना खातून के रूप में हुई है।
इधर घटना से गुस्साए बिहारी गांव के ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर बिजली विभाग के खिलाफ मधवापुर-बासुकी मुख्य सड़क में बिहारी बाजार के पास मुख्य सड़क को घंटों जाम कर दिया और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। आंदोलनकारी ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे ग्रामीण मो. आलम ने कहा कि बासुकी बिहारी उत्तरी पंचायत में बिजली विभाग द्वारा लगाए गए बिजली के तार जर्जर है तथा कई जगहों पर तार नीचे की ओर झूका रहने के कारण आए दिन टूट कर गिरता रहता है। अबतक पंचायत के पांच लोग की बिजली करंट लगने से मौत हो चुकी है। कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद विभाग ना तो तार ही बदल रहा है और ना ही इसको लेकर कोई कार्रवाई ही कर रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जबतक बिजली विभाग के वरीय अधिकारी आकर बिजली की व्यवस्था में सुधार कोई ठोस निर्णय नहीं देंगे तथा मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा नहीं देंगे ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम आंदोलन जारी रहेगा।
घटना की सूचना पर दलबल के साथ पहुंचे बीडीओ शिवशंकर राय, मधवापुर प्रभारी थानाध्यक्ष राजेन्द्र यादव ने आंदोलनकारी ग्रामीणों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया। सड़क जाम समाप्त करने का अनुरोध किया। किन्तु ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों ने कहा कि जबतक बिजली विभाग के एसडीओ आकर ठोस निर्णय नहीं करेंगे सड़क जाम आंदोलन जारी रहेगा।
जानकारी मिलने पर एसडीओ राजेश परिमल स्वयं पहुंच बात की। दो दिनों के अंदर पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल जाने पर उचित मुआवजा देने व विद्युत तार को ठीक करने का आश्वासन देने के बाद जाम हटा। सड़क जाम में मो. आलम, मो. अंजार, मो. एहसान, मो. बसीर, मो. अलीमाम, मो. समसुदीन, मो. गुलजार, मो. बदरे, मो. संजार, मो. नूरूल दर्जी, मो. सब्बीर, मो. सन्नउल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।