बच्चों समेत विवाहिता को घर से निकाला
मधुबनी। पंडौल प्रखंड क्षेत्र के सिसवा गांव में दहेज उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है। पंडौल पूर्
मधुबनी। पंडौल प्रखंड क्षेत्र के सिसवा गांव में दहेज उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है। पंडौल पूर्वी पंचायत की पीड़िता उषा देवी (पति शोभित कुमार ठाकुर) ने जिले के वरीय पदाधिकारियों एवं महिला आयोग के समक्ष आवेदन दे न्याय की गुहार लगाई है। उक्त आवेदन में सिसवा निवासी उषा देवी ने कहा है कि 8 दिसंबर 2004 ई. को पंडौल प्रखंड के सिसवा ग्राम निवासी घुरण ठाकुर शास्त्री के मझले पुत्र शोभित कुमार ठाकुर के साथ विवाह हुआ था। 2005 ई. में गौना के उपरांत जब ससुराल आई तभी से ससूर घुरण ठाकुर, सास अरहुला देवी, जेठ आनंद ठाकुर, जेठानी पुष्पा देवी व देवर रंजीत ठाकुर का व्यवहार सही नहीं था। इसका मुख्य कारण दहेज की दो लाख रुपये नकद व एक बाइक के बदले 41 हजार रुपये व बाइक का मिलना था। जिस कारण ससुराल के लोगों द्वारा आए दिन मारपीट व गाली-गलौज देना आम बात हो गई। और यह स्थिति तब और भयावह हो गई जब पीड़िता ने अप्रैल 2006 में पहली पुत्री को जन्म दी। इसी क्रम में जुलाई 2008 में गर्भावस्था के दरम्यान ससुराल वालों ने पीड़िता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। ऐसी विकट स्थिति में पीडिता अपने पिता के वहां रहने लगी। जहां 2009 में उसे एक पुत्र व एक पुत्री के रूप में जुडवा बच्चा हुआ। पीडिता के पिता ने कई बार पंचायत के माध्यम से मामले को निपटाना चाहा, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकलते देख पंडौल थाना में एक बंध-पत्र का निष्पादन कराया गया जिसके उपरांत पीडिता के पति शोभित ठाकुर उसे शिलांग ले गये जहां वह नौकरी करता था। लेकिन कुछ दिनों के उपरांत ही पति ने तीनों बच्चों समेत पत्नी को घर से निकाल दिया। तथा स्वयं दूसरी शादी कर ली। इस बीच पीडिता मायके रह ससुराल वापस आने का अथक प्रयास करती रही। स्थानीय ग्रामीणों के दबाब में आ पीडिता के ससुराल वालों ने 2013 में उसके पुत्र का मुंडन संस्कार भी कराया। इस घटना को ले कई बार गांव में पंचायत हुई लेकिन किसी न किसी बहाने ससुराल वालों ने पीडिता को घर में रहने नहीं दिया। 26 अप्रैल 2016 को ग्रामीणों के प्रयास से पुन: पंचायत बुलाई गई जिसमें पीडिता के ससूर घुरण ठाकुर ने पत्नी अरहुला देवी की बीमारी का बहाना बना गांव से बाहर चले गए तथा पंडौल थाना में पीडिता उषा देवी के विरूद्ध मामला दर्ज कराते हुए उसे मानसिक रोगी करार देते हुए बताया है कि बहु उषा देवी व बेटे शोभित कुमार ठाकुर के बीच तलाक हो चुका है। वर्तमान में पीडित महिला अपने तीनों बच्चों समेत गांव के मुरली मनोहर गोपाल मंदिर के पास शरण लिए हुए अपने प्रति हो रहे अन्याय के निवारण हेतु बाट जोह रही है।