अवैध रूप से वेतन भुगतान मामले में जांच का निदेश
मधुबनी : कथित तौर पर मो. इनाम व मो. इसरारुल हक को अवैध रुप से वेतन का भुगतान करने के मामले में जिला
मधुबनी : कथित तौर पर मो. इनाम व मो. इसरारुल हक को अवैध रुप से वेतन का भुगतान करने के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जांच का निर्देश दिया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस मामले की जांच का निदेश जिला कार्यक्रम पदाधिकारी-स्थापना को देते हुए तीन दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन तलब किया है। इस अवैध वेतन भुगतान मामले में किन-किन लोगों की संलिप्तता है, इसके संबंध में भी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डीपीओ-स्थापना से प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर तलब किया है। डीईओ ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में विलंब होने पर डीपीओ-स्थापना स्वयं जवाबदेह माने जाएंगे। इस बाबत जारी पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उल्लेख किया है कि मदरसा इस्लामिया, भेलहा के सचिव व प्रधान मौलवी ने शपथ पत्र के साथ संयुक्त आवेदन दिया है। इस आवेदन से स्पष्ट होता है कि उक्त मदरसा में कुल छह पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध मात्र चार शिक्षक ही कार्यरत हैं। इन्हीं चार शिक्षकों का वेतन विपत्र उक्त सचिव एवं प्रधान मौलवी द्वारा हस्ताक्षर कर डीपीओ-स्थापना के कार्यालय में भेजा जाता है। इतना ही नहीं उक्त मदरसा से दिनांक 13.05.2001 से फरार चल रहे शिक्षक मो. इनाम एवं दूसरे शिक्षक मो. इसरारूल हक फरवरी 2012 में 34,540 शिक्षकों के तहत नियुक्त प्रशिक्षित शिक्षक पद पर हो जाने के कारण वे उक्त मदरसा को छोड़ कर बिना सूचना के चले गए। जिस कारण उक्त तिथि से उनका भी वेतन विपत्र नहीं भेजा जा रहा है। उन सचिव व प्रधान मौलवी के द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि मो. इसरारूल हक सेवानिवृत भी हो गए हैं फिर भी उनका वेतन भी उक्त मदरसा के तहत डीपीओ-स्थापना कार्यालय द्वारा पारित किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त दोनों व्यक्तियों को गलत तरीके से भुगतान कर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस मामले की जांच गंभीरता पूर्वक कर सही तथ्यों से तीन दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश डीपीओ-स्थापना को दिया है। जांच प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि किन-किन लोगों की इसमें संलिप्तता है।