कूड़ेदान बना है बच्चों के खेलने का पार्क
मधुबनी । स्वच्छता के मामले में लगता है लोगों ने सोच को संकीर्ण कर लिया है। यह कोई जुमला नहीं यह वास्
मधुबनी । स्वच्छता के मामले में लगता है लोगों ने सोच को संकीर्ण कर लिया है। यह कोई जुमला नहीं यह वास्तविक हकीकत है। यदि ऐसा नहीं होता तो क्या बच्चों के खेलने के लिए बने पार्क में कचरा फेंका जाता। यह गंभीर सोच का विषय है। आम लोगों को क्या सार्वजनिक जगहों को कचरा से भरने का हक है?
वैसे तो शहर में पार्क की कमी है जहां शाम में बच्चे अपने बच्चों के साथ सुकून के कुछ पल बिता सकें। लेकिन जो भी पार्क है वहां कचरे का अंबार है। जिस कारण वहां जाना निरापद नहीं रह गया है। ऐसा ही एक पार्क रमेश्वरी लता शिशु उद्यान गंगासागर तालाब जहां मां काली का भव्य मंदिर है के बगल में है। इसी रास्ते से शहर का प्रसिद्ध बीएनझा कॉलोनी का रास्ता है। यह पार्क वहां मंदिरों में उपयोग किए गए अगरबत्ती के खाली डिब्बे, दुकानदारों द्वारा उपयोग के बाद फेंके गए अवशिष्ट आपको नजर आ जाएंगे। वर्तमान में इंद्र पूजा के बाद जो भी कचरा मिला सभी को उसी में फेंक दिया गया है। जिस कारण मंदिर के बगल में अस्वच्छता नजर आती है। शहर के आरके कॉलेज रोड, महिला कॉलेज रोड, स्टेशन रोड, बाटा चौक, महंथी लाल चौक, शंकर चौक जहां कही भी आपकी नजर जाएगी सड़क किनारे कचरा ही कचरा नजर आएगा। जबकि गरीब से लेकर अमीर शहरियों का घर की व्यवस्था देख आप सोच में पड़ जाएंगे कि क्या इनकी स्वच्छता निजी स्तर तक ही सीमित है।