हरेक नारी सीता समान
मधुबनी, संस : प्रख्यात कथावाचक आचार्य सुदर्शन महाराज ने कहा कि हरेक नारी सीता व पुरुष राम समान हैं।
मधुबनी, संस : प्रख्यात कथावाचक आचार्य सुदर्शन महाराज ने कहा कि हरेक नारी सीता व पुरुष राम समान हैं। माता सीता और भगवान पुरुषोत्तम राम के आदर्श को अपनाकर ही धरती पर स्वर्ग की परिकल्पना साकार किया जा सकता है। वे स्थानीय टाउन क्लब मैदान में श्री सीताराम महायज्ञ के मौके पर प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। सुदर्शन महाराज ने प्रवचन में भगवान श्री राम के बचपन से लेकर सीता स्वयंवर तक के विभिन्न अध्यायों का उल्लेख करते हुए कहा कि अहंकार, लोभ, क्रोध व कामना जैसे दुर्गुणों के कारण नर-नारी के बीच प्रेम का अभाव होता चला गया। परिवार टूट के कगार पर पहुंचते चले गए। भारतीय संस्कृति को फिर से स्थापित करने के लिए नर-नारी के बीच प्रेम को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका सहित अन्य देशों में विवाह विच्छेद की घटनाओं में इजाफा से पारिवारिक शांति भंग होने के कारण अनेक प्रकार की समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। इस तरह की समस्या से भारत भी अछूता नहीं रहा। उन्होंने विवाह को एक पवित्र बंधन बताते हुए कहा कि नारी को गृह लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है। नर-नारी के बीच समानता होना चाहिए लेकिन अहंकार को लेकर नर-नारी के बढ़ते टकराव का कुप्रभाव बच्चों को भुगतना पड़ता है। इससे परिवार बिखर जाता है। आज जरूरत है मंदिरों में भगवान श्रीराम की पूजा के बजाय घरों को मंदिर स्वरूप देकर आध्यात्मिक वातावरण बनाने की।
उन्होंने लोगों से शाकाहारी बनने का आह्वान करते हुए कहा कि हरेक व्यक्ति को प्रतिदिन ध्यान, योग व आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। आध्यात्मिक उन्नति से ही व्यक्ति व समाज का कल्याण होगा। प्रवचन में आचार्य सुदर्शन महाराज के संग विधानचंद्र राणा, शशिकांत तिवारी, अविनाश शर्मा, सुनील सिंह छविराज मौजूद थे। प्रवचन के संचालन में संजय पांडे, पप्पू सिंह, महंथ विमल शरण आदि जुटे हैं।