अस्पताल प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कारोबार!
जागरण संवाददाता, मधुबनी : जैसे ही लोगों को पता चला कि सदर अस्पताल रोड में जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर अवैध तरीके से चलता था कि आश्चर्यचकित हो उठे। लोगों के जेहन में यह सवाल कौंधने लगा कि जब अस्पताल प्रशासन के नाक के नीचे गोरखधंधा की गुंजाइश हो सकती है तो फिर दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का क्या हाल होगा? सदर अस्पताल के सामने वर्षो से अवैध रुप से अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालित होते रहने से आम लोगों की नजर में अस्पताल प्रशासन भी कठघरे में आ खड़ा हुआ है। जिस वक्त जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी चल रही थी उस वक्त वहां आस-पास खड़े लोगों के जुबान पर बस एक ही चर्चा थी कि बिना घालमेल के सदर अस्पताल प्रशासन के नाक के नीचे अवैध तरीके से अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालन किया ही नहीं जा सकता है। छापेमारी के दौरान उक्त सेंटर के आस-पास खड़े लोग चर्चा कर रहे थे कि आपसी लेन-देन व हिस्सा वितरण को लेकर जनता अल्ट्रासाउंड सेंटर से प्रत्यक्ष व परोक्ष रुप से जुड़े लोगों के बीच विवाद नहीं हुआ होता तो इस अवैध धंधा का भंडाफोड़ नहीं होता। लोग चर्चा कर रहे थे कि इस सेंटर के संचालक विष्णुकांत चौधरी हैं। संचालक व डाक्टर के बीच लेन-देन व हिस्सा बंटवारे को लेकर विवाद के कारण ही इस अवैध कारोबार को भांडा फूटा है। लोग चर्चा कर रहे थे कि इस मामले में 'पानी में रहकर मगरमच्छ से वैर' वाली कहावत चरितार्थ हुई है।