सड़क पर गढ्डों से हादसों को न्योता
लदनिया (मधुबनी), संस : सीमावर्ती इलाके के मुख्य पथ एनएच संख्या 104 में जयनगर तेनुआही के बीच सैकड़ों ऐसे गढ्डे हादसों को न्योता दे रहे हैं। जान जोखिम में लेकर चालक वाहन पार करते हैं। अधिकतर छोटे या बड़े वाहन गढ्डे में फंस जाने से सड़क जाम का ही नजारा देखने को मिलता है। लिखित आश्वासन के बाद भी कार्यपालक अभियंता हाथ पर हाथ रखकर मूकदर्शक बने हैं। जिससे आम लोगों में भारी आक्रोश है।
विभागीय पदाधिकारी द्वारा अपने लिखित आश्वासन निर्वहन में लापरवाही के विरोध में लोग आंदोलन का मूड बना रहे हैं।
ज्ञात हो कि जयनगर तेनुआही के बीच सैकड़ों जगह सड़कें झील में तब्दील होने को लेकर बीते 24 जून को मोटरेबुल सड़क बनाने एवं धौरी नदी पर जर्जर स्क्रू पाइल पुल मरम्मत करवाने को लेकर सड़क जाम कर आवागमन बाधित किया गया। कार्यपालक अभियंता के प्रतिनिधि के रूप में मौके पर पहुंचे सहायक अभियंता सूर्य नारायण प्रसाद ने
थानाध्यक्ष संजय कुमार, काग्रेस के पूर्व प्रखण्ड अध्यक्ष युगल किशोर झा, पंचायत के मुखिया पति शाखा डाकपाल रंजीत कुमार झा, सिधपकला पंचायत के सरपंच राज लाल यादव, कुमरखत पंचायत के पूर्व मुखिया चन्द्र वीर कामत, मो. कासिम एवं हासिम समेत दर्जनों लोगों के समक्ष 10 जुलाई से सड़क में मरम्मत कार्य प्रारम्भ होने एवं धौरी नदी में नये सिरे से बन्ध पथ यानी डायवर्सन बनवाने का लिखत आश्वासन दिया था। विडम्बना है कि कार्यपालक अभियंता के निर्देश पर सहायक अभियंता के लिखित आश्वासन भी महज झूठ का पुलिंदा बनकर ही निकला।
कार्यपालक अभियंता से जब भी इस बाबत पूछा जाता है तो वे प्राक्कलन स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है, कह कर वरीय पदाधिकारी के माथे ठीकरा फोड़ते हैं।
इधर युगल किशोर झा, राजद के जिला महासचिव रामाशीष पासवान, जिला जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष राम नारायण पंडित प्रखण्ड कांग्रेस के अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार झा की शिकायत है कि एक ओर कार्यपालक अभियंता राशि का अभाव एवं मोटरेबुल सड़क बनाने के नाम पर प्राक्कलन स्वीकृति के नाम पर वरीय पदाधिकारी के माथे ठीकरा फोड़ते हैं।
वहीं लदनिया एवं तेनुआही के बीच करीब 7 किलोमीटर जो जयनगर तेनुआही के बदले बेहतर पथ के ही निर्माण के लिए राशि कहा से आई जाच का विषय बन चुका है। आखिर जयनगर-तेनुआही के बीच सड़क मोटरेबुल बनाने के बदले लदनिया तेनुआही के बीच बेहतर सड़क को ही विभाग ने निर्माण करवाया। इसके पीछे वास्तव में क्या कारण है।