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औचक निरीक्षण में खुली कुप्रबंधन की पोल

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 07:13 PM (IST)
औचक निरीक्षण में खुली कुप्रबंधन की पोल

झझारपुर (मधुबनी), संवाद सहयोगी : अनुमंडल के विद्यालयों में शैक्षणिक तथा विद्यालय प्रबंधकीय अराजकता थमने का नाम नहीं ले रहा। एसडीओ रविश किशोर के औचक निरीक्षण में एक बार फिर अराजकता एवं कुप्रबंधन की पोल खुली है। सोमवार को एसडीओ रविश किशोर लखनौर प्रखण्ड के राजकीय मध्य विद्यालय दीप का औचक निरीक्षण किया। यहा दो शिक्षक क्रमश: अभय शकर एवं राजकुमार अनुपस्थित थे। छुट्टी का कोई आवेदन नहीं था और उनके अनुपस्थिति कॉलम में सीएल भरा गया था। बिना आवेदन के सीएल भरने को एसडीओ ने गंभीरता से लिया और उक्त दो शिक्षकों के साथ-साथ प्रधानाध्यापिका रेणु कुमारी के वेतन पर एसडीओ ने रोक लगा दी। यहा एसडीओ करीब दो घटे तक रुके और कई संचिकाओं को खंगाला। मध्याह्न भोजन 24 जुलाई से यहा बंद पाया गया जबकि मध्यान्ह भोजन मद की राशि 35 हजार का उठाव 25 जुलाई को किया गया। उठाव के एवज में एसडीओ को बताया गया कि यह बकाया राशि के भुगतान के एवज में है लेकिन एसडीओ ने जब वाउचर की माग की तो वाउचर प्रधानाध्यापिका द्वारा नहीं दिखाया गया। एसडीओ ने इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूरे मामले में घालमेल की आशका व्यक्त की। वर्ग छह, सात एवं आठ के बच्चों के बीच किताब का वितरण नहीं किया गया था। दो बोरी किताब विद्यालय में पड़ा था। वर्ग तीन एवं चतुर्थ के बच्चों के किताब वितरण पंजी विद्यालय में नहीं था। सबसे आश्चर्यजनक स्थिति यह थी कि विद्यालय प्रागण में दो बिल्डिंग अ‌र्द्धनिर्मित अवस्था में पड़ा है। एसडीओ ने जब इसकी तहकीकात की तो पता चला कि पूर्व एचएम कुमारी किरण सिन्हा दोतल्ला भवन बना रही थी। उनके सेवानिवृत्ति को दो वर्ष हो गए लेकिन उन्होंने इसका प्रभार अपने बाद वाले एचएम नीलम देवी को नहीं दिया। इसी तरह किरण सिन्हा के बाद नीलम देवी द्वारा प्रधानाध्यापक कक्ष बनाया जा रहा था। उनका भी तबादला हो गया लेकिन भवन निर्माण का प्रभार नहीं दिया गया है। एसडीओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए बताया कि वे इस संबंध में डीएम को प्रतिवेदित कर रहे हैं जिसमें जिला से विभागीय टीम बनाकर इस पूरे प्रकरण की जाच की अनुशसा की जा रही है। एसडीओ रविश किशोर ने बताया कि मध्यान्ह भोजन बंद रहने के कारण प्रखण्ड मध्यान्ह भोजन साधन सेवी से भी वे कारण पृच्छा कर रहे हैं तथा विभागीय उच्चाधिकारी एवं डीएम को प्रतिवेदित कर रहे हैं।


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