लापरवाह बीएलओ, पर्यवेक्षकों पर कार्रवाई
मधुबनी, एक प्रतिनिधि : मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतने वाले बिस्फी विधान सभा क्षेत्र के पांच बीएलओ व पांच पर्यवेक्षकों पर गाज गिरनी तय है। इन बीएलओ व पर्यवेक्षकों की प्रगति अब तक शून्य ही रही है। वहीं 27 अक्टूबर 2013 को बिस्फी में आयोजित विशेष बैठक में भाग नहीं लेने वाले 6 बीएलओ पर भी कार्रवाई तय हो गया है। उक्त 11 बीएलओ व 5 पर्यवेक्षकों से जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह ने जवाब-तलब करते हुए तत्काल प्रभाव से वेतन भुगतान पर रोक भी लगा दी है। इससे लापरवाह बीएलओ में खलबली मच गई है। गौरतलब है कि गत 27 अक्टूबर को बिस्फी में मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की समीक्षा के लिए डीएम ने बैठक बुलाई थी। लेकिन पूर्व सूचना के बाद भी बिस्फी विस क्षेत्र स्थित बूथ संख्या 55 के बीएलओ फिरोज आलम, बूथ सं. 64 के बीएलओ मो. मुस्तफा, बूथ सं. 134 के बीएलओ विनोद कुमार, बूथ सं. 190 के बीएलओ पप्पी कुमारी, बूथ सं. 199 के बीएलओ रुपम झा तथा बूथ सं. 225 के बीएलओ मनोज पासवान बैठक में उपस्थित नहीं हुए। जिस कारण विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा नहीं की जा सकी। इस मामले को डीएम ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा-32 (1) के अंतर्गत दंडनीय माना है। साथ ही उक्त बीएलओ को दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है कि क्यों नहीं निर्वाचक नामावली की तैयारी में असहयोगात्मक रवैये के कारण प्राथमिकी दर्ज की जाए? साथ ही शत-प्रतिशत फोटो आच्छादन एवं महिला अनुपात की लक्ष्य के अनुरुप उपलब्धि तक तत्काल प्रभाव से उक्त बीएलओ का वेतन भी स्थगित कर दिया है। वहीं गत 27 अक्टूबर को बिस्फी में आहूत विशेष बैठक में मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा के क्रम में डीएम ने पाया कि पांच बीएलओ व पांच पर्यवेक्षकों की प्रगति शून्य है। ऐसे बीएलओ व पर्यवेक्षकों में बिस्फी विस क्षेत्र स्थित बूथ सं. 177 के बीएलओ सुनिता मुखिया व पर्यवेक्षक श्रीधर लाल कर्ण, बूथ सं. 181 के बीएलओ आनंद कुमार भारती व पर्यवेक्षक कृष्ण कुमार, बूथ सं. 205 के बीएलओ विष्णु शीला देवी व पर्यवेक्षक उपेन्द्र कुमार आनंद, बूथ सं. 212 के बीएलओ अखिलेश चौधरी व विनोद कुमार मिश्र तथा बूथ सं. 227 के बीएलओ मो. शहाबुद्दीन शम्श मंसूरी व पर्यवेक्षक महेश्वर पाण्डेय शामिल हैं। उक्त बीएलओ व पर्यवेक्षकों की शून्य प्रगति को डीएम ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा-32 (1) के अंतर्गत दंडनीय करार दिया है। साथ ही यह दो दिनों के अंदर यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों नहीं निर्वाचक नामावली की तैयारी में असहयोगात्मक रवैये के कारण प्राथमिकी दर्ज की जाए? साथ ही शत-प्रतिशत फोटो आच्छादन एवं महिला अनुपात की लक्ष्य के अनुरुप उपलब्धि तक तत्काल प्रभाव से उक्त बीएलओ का वेतन भी स्थगित कर दिया गया है।
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