कागज में थाना फिर भी ओपी का दर्जा
विकास कुमार, मधेपुरा। घैलाढ़ को प्रखंड का दर्जा प्राप्त होने के 28 वर्ष बाद भी यहां स्थापित ओपी को थाना का दर्जा नहीं मिल सका है।
विकास कुमार, मधेपुरा। घैलाढ़ को प्रखंड का दर्जा प्राप्त होने के 28 वर्ष बाद भी यहां स्थापित ओपी को थाना का दर्जा नहीं मिल सका है। जबकि कागज और भवन के बोर्ड में घैलाढ़ थाना लिखा है। इस वजह से प्रखंड क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकी मधेपुरा थाना में दर्ज होती है। 1989 में घैलाढ़ में ओपी की स्थापना की गई थी। जबकि घैलाढ़ 1998 में ही प्रखंड बन गया था। कोसी का यह अकेला ऐसा प्रखंड़ मुख्यालय है जहां के ओपी को थाना का दर्जा नहीं मिल पाया है।
कोसी प्रोजेक्ट के जर्जर भवन में चल रहा है ओपी
स्थापना काल से आज तक ओपी को अपना भवन तक नहीं नसीब हो पाया है। कोसी प्रोजेक्ट के जर्जर हो चुके भवन में ओपी संचालित होते आ रहा है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। जगह-जगह छत से पानी रिसाव होने के कारण ओपी के कई महत्वपूर्ण कागजात भी बर्बाद हो चुके है। छत भी टूट कर गिर रहे है। जिस कारण पुलिस पदाधिकारियों को भी भवन के क्षतिग्रस्त होने का भय समाया रहता है। पुलिस पदाधिकारी कार्यालय में नहीं बैठना चाहते हैं। वहीं ओपी परिसर में पुलिस कर्मी एवं पदाधिकारियों के लिए आवास की कोई व्यवस्था नहीं है।
ओपी में नहीं है महिला हाजत
ओपी में महिला हाजत नहीं रहने के कारण महिला अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रशासन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिला अभियुक्तों कि गिरफ्तारी के बाद उसे महिला चौकीदारों की अभिरक्षा में रखने के बाद उसे मधेपुरा थाना लाना पड़ता है। जो पुलिस प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बना रहता है।
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- ओपी में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के कारण परेशानी होती है। घैलाढ़ को थाना का दर्जा प्राप्त होने की जानकारी मिली है। लेकिन प्राथमिकी के लिए मधेपुरा थाना पर ही निर्भर होना पड़ता है।
- राजेश कुमार, ओपी अध्यक्ष
घैलाढ़।