बाबा नगरी ¨सहेश्वर के सड़कों को किया जा रहा चकाचक
मधेपुरा। दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार के बाद नींद से जागी आरडब्लूडी एवं एनएच ने जर्जर सड़क को ठीक करना शुरू कर दी है।
मधेपुरा। दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार के बाद नींद से जागी आरडब्लूडी एवं एनएच ने जर्जर सड़क के गढ़ों को भरा। बुधवार को समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद दोनों ही विभाग हरकत में आयी। आरडब्लूडी एवं एनएच के कार्यपालक अभियंता ने संबंधित संवेदक को जल्द गड्ढ़ों को भरने का अल्टीमेटम दिया। जिसके आलोक में बाजार क्षेत्र के गड्ढ़ों को मैटेरियल देकर भरवाया। वहीं आरडब्लूडी ने शर्मा चौक से बरैली बाजार जाने वाली सड़क पर ईंट के टुकड़े गिराया। हालांकि गड्ढ़ा भराने के बाद भी सड़क अभी पुरी तरह दुरूस्त नहीं हो पाया है। --------------------
बरसात बाद होगी पुरी मरम्मत :
फिलहाल सावन में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए गड्ढ़ों को भर दिया गया है। लेकिन बरसात के बाद सड़क की पुरी तरह मरम्मत कराया जाएगा। दोनों ही विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया है कि बरसात का सीजन समाप्त होते ही सड़क को पूरी तरह दुरूस्त कर दिया जायेगा।
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अब तक क्यों सोया था विभाग :
दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद सड़क के गड्ढ़े को भराया तो गया लेकिन सवाल यह है कि अब तक विभाग सोया हुआ क्यों था। क्योंकि बीते कई माह से दोनों ही सड़कें बिल्कुल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी जबकि एनएच एवं आरडब्लूडी की सड़कें मेंटेनेंस अवधि में थी।
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जीर्णोद्धार के बाद नहीं कराया गया मरम्मत
एनएच 106 में बैहड़ी से मधेपुरा तक का जीर्णोद्धार तकरीबन दो वर्ष पूर्व कराया गया था। इसके बाद बाजार क्षेत्र में सड़क टूटी रही लेकिन मरम्मत नहीं कराया गया। जब समाचार पत्रों में मामला सामने लाया गया तो संबंधित कम्पनी गड्ढों को भरकर अपने कत्तर्व्य की इति भी कर ली। जबकि मेंटेनेंस अवधि के दौरान जीर्णोद्धार करने वाली कम्पनी की जवाबदेही थी अभी कम्पनी बरसात का बहाना बनाकर सड़क को पुरी तरह मरम्मत नहीं कराने की बात कह रही है। जबकि एनएच की सड़क बरसात के मौसम से कई माह पूर्व से ही जर्जर है।
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कुछ माह में ही टुटी आरडब्लूडी की सड़क :
शार्मा चौक से बरैली बाजार जाने वाली सड़क का निर्माण आरडब्लूडी ने कराया। लेकिन सड़क के जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने के महज कुछ माह बाद ही सड़क क्षतिग्रस्त हो गया। जगह जगह पर सड़क टूट गयी। बरसात आते आते तो सड़क में बड़ा बड़ा गड्ढ़ा हो गया। इन बड़े बड़े गड्ढ़ों में जलजमाव के बाद आने जाने वाले राहगीरों की परेशानी काफी बढ़ गयी।