मनखाहा गांव के बचाव को बना बांध हुआ बेकार
मधेपुरा। प्रखंड के मनखाहा गांव को कोसी के महाकाल सुरसर नदी के कटाव से बचाव के लिए ग्राम
मधेपुरा। प्रखंड के मनखाहा गांव को कोसी के महाकाल सुरसर नदी के कटाव से बचाव के लिए ग्रामीणों का प्रयास भी बेकार हो गया। फ्लड फाइ¨टग के तहत कराए गए कार्य काम भी नाकारा साबित हो गया है। जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा बार-बार जिला पदाधिकारी और क्षेत्रीय विधायक को आवेदन देना रंग तो लाया परन्तु कारगर साबित नहीं हो सका। सुरसर नदी के कटाव से गांव को बचाने के मामले को क्षेत्रीय विधायक रमेश ऋषिदेव ने विधान सभा में उठाया था। विधान सभा के तारांकित प्रश्न के आलोक में मनखाहा गांव के कटाव से बचाव के लिए जल संसाधन विभाग मुख्य अभियंता परिक्षेत्र बीरपुर के अधीनस्त कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण प्रमंडल, कोपरिया, सहरसा द्वारा मनखाहा वार्ड संख्या सात के बचाव के लिए एंटीएरोजन कमेटी के अनुशंसा के आलोक में स्थल का प्रस्ताव प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी सलाहकार समिति के समक्ष विचारार्थ समर्पित किया था। गांव के बचाव के लिए 54 लाख 97हजार 609 रूपये के प्रस्ताव प्राक्कलन को तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा 14.10.2014 को अपनी सहमति प्रदान कर दी। सुरसर नदी से 80 हजार क्यूसेक पानी के बहाव को ध्यान में रखकर 600 मीटर लंबाई में पायलट चैनल का निर्माण और तीन पंक्ति में बांस पाइ¨लग का प्रावधान किया था। गांव के बचाव हेतु कटाव निरोधक कार्य और सुरसर नदी के दिशा को मोड़ने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान कर कटाव निरोधी कार्य किया गया। इससे जल संसाधन विभाग के अभियंता ने कम से कम ढाई हजार की जन संख्या वाले 550 धर के बचाव की संभावना व्यक्त किया था। मनखहा गांव में बसे परिवारों में से आधी आबादी महादलित परिवार के मुसहर समुदाय के लोगों की है शेष आधी जन संख्या पिछड़े वर्ग के लोगों की है। जिन्हे सुरसर नदी पश्चिम से कटाव और मुहल्ला के पूर्व से घेराव कर लिया था। गांव वासी अपना जीवन कोसी के सुरसर नदी द्वारा निर्मित टापू पर गुजारने पर मजबूर थे। इसके लिए जल संसाधन विभाग के अभियंता द्वारा फ्लड फाइ¨टग के लिए काम किया गया। जो छ: महीना के भीतर ही पाइ¨लग भंवरने लगा है। जबकि अभी सुरसर में पानी का उतार चढ़ाव होना बांकी है। फ्लड फाइ¨टग की स्थिति को देखते ही ग्रामीण फिर से सहमे हुए हैं और स्थाई निदान के लिए परेशान है।