सदर अस्पताल : यहां सफाई कर्मी करते हैं ड्रेसर का काम
मधेपुरा : सदर अस्पताल इन दिनों मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक व पार
मधेपुरा : सदर अस्पताल इन दिनों मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक व पारामेडिकल स्टाफ की कमी से परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रशासन परिवार कल्याण कार्यकर्ता, कार्यालय परिचारी, कक्ष सेवक एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से ड्रे¨सग का काम करवा रही है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का दावा पूरी तरह फेल नजर आ रहा है। संसाधन की कमी के बीच अस्पताल प्रशासन किसी प्रकार स्वास्थ्य व्यवस्था को खींचती नजर आ रही है। अस्पताल इलाज हेतु आने वाले मरीजों को जो सुविधा मिलना चाहिए वह सुविधा मिल नहीं पा रहा है। लिहाजा मरीज के परिजन अस्पताल से लौट निजी चिकित्सकों से इलाज को मजबूर हैं। पिछले कुछ सालों से सदर अस्पताल को उत्क्रमित कर एक सौ से तीन सौ बेड करने की प्रकिया जारी है । लेकिन चिकित्सक व पारामेडिकल कर्मी की संख्या बढ़ाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही हैं ।
अस्पताल में चिकित्सक व पार मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है। खासकर रात्रि में मात्र एक चिकित्सक इमरजेंसी ड्यूटी में उपलब्ध रहते हैं। कोई गर्भवती महिला अगर प्रसव हेतु रात में अस्पताल पहुंच जाय तो उसे देखने वाला कोई नहीं होता है। क्योंकि रात्रि में महिला चिकित्सक अपने ड्यूटी पर तैनात नहीं रहती है। अगर प्रसव को आयी महिला को ऑपरेशन करने की नौबत आ गई तो परेशानी हो जाती है। लिहाजा उसे मजबूर होकर निजी नर्सिग होम का सहारा लेना पड़ता है ।
स्थिति यह है कि कुछ चिकित्सक को छोड़ शेष पदस्थापित चिकित्सक ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति करते हैं । अस्पताल की ड्यूटी से अधिक निजी प्रेक्टिस पर रहते हैं। इसी कारण स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति खराब है।
सिविल सर्जन डॉ. गदाधर प्रसाद पांडेय ने कहा कि चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ की कमी तो है ही उपलब्ध संसाधन में ही किसी प्रकार स्वास्थ्य व्यवस्था चलाई जा रही है। चिकित्सक एवं परा मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है।