निजी अस्पतालों ने बंद किया स्मार्ट कार्ड पर इलाज
मधेपुरा : जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का संबंधित बीमा कंपनी बरबाद करने पर अमादा है।
मधेपुरा : जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का संबंधित बीमा कंपनी बरबाद करने पर अमादा है। संबंधित चिकित्सालयों ने अब स्मार्ट कार्ड धारियों का इलाज करना छोड़ दिया है क्योंकि आश्वासनों के बावजूद इनका विपत्र बीमा कंपनी भुगतान नहीं कर रही है।
गुरुवार को यहां जिलाधिकारी मो. सोहैल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने भी बैठक में अनुपस्थित रहे बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को मोबाइल पर खूब खटी-खोंटी सुनाई। डीएम ने कहा कि गत बैठक में 15 दिनों के अंदर भुगतान करने का आश्वासन देने के बाद भी भुगतान नहीं करना यही सिद्ध करता है कि आप लोग इस योजना को बंद करने पर आमादा हैं।
बैठक में बताया गया कि जिले के आठ स्वीकृत अस्पतालों ने स्मार्ट कार्डधारी रोगियों का इलाज कर अब तक 69.72 लाख रुपये का विपत्र दिया है। बीमा कंपनी के पास 49.15 लाख रुपये विपत्र जमा है जिसमें से मात्र 24.84 लाख रुपये का ही भुगतान हुआ है। चिकित्सालयों ने अब स्मार्ट कार्ड के आधार पर इलाज करना छोड़ दिया है।
बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने मोबाइल पर डीएम को बताया कि सरकार द्वारा अभी तक उन्हें बीमा की राशि नहीं दी गई है, सरकार को इसके लिए बार बार आग्रह किया जा चुका है। इसके साथ ही यह भी बताया कि कई विपत्रों में गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा की शिकायत है। इस पर डीएम ने कहा कि अगर गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा है तो इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई। यह सब अब नहीं चलनेवाला है। अगर राशि नहीं चुकता की गई तो काम बंद करें। अन्तत: बैठक में यह तय हुआ कि अगली बैठक 10 जुलाई के बाद की जाय जिसमें बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि सारे कागजातों के साथ उपस्थित रहेंगे। बैठक में अपर समाहत्र्ता अबरार अहमद कमर, आदित्य हॉस्पीटल, आनंद आंख अस्पताल, द्रुवित अस्पताल, मधेपुरा क्रिश्चियन हॉस्पीटल, पवन हंस आई क्लिनिक, सतीश मेमोरियल अस्पताल एवं सिद्धि विनायक हॉस्पीटल के अतिरिक्त सदस्य प्रदीप कुमार झा आदि उपस्थित थे।