स्कूल में पढ़ने वाले आठ हजार नौनिहाल गंभीर रोग से पीड़ित
प्रवीण वर्मा मुकुल, मधेपुरा। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब आठ हजार नौनिह
प्रवीण वर्मा मुकुल, मधेपुरा।
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब आठ हजार नौनिहाल गंभीर रोग से पीड़ित हैं। बच्चों के पीड़ित होने का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूल स्तर पर लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविर में हुआ है। जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से बच्चों के बीमार होने की सूची जारी की गई है। यह जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में जारी किया है। जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक जिले भर के स्कूलों में करीब तीन लाख 38 हजार 591 बच्चों की जांच की गई थी। इनमें से 18 हजार 938 बच्चों में बीमारी के लक्षण मिले। इनमें से आठ हजार बच्चे गंभीर रोग से पीड़ित पाए गए है।
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अभियान चलाकर की थी जांच
मधेपुरा : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य जांच योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक वर्ष के दौरान जिले के विभिन्न स्कूलों में तीन लाख 38 हजार 591 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की। स्वास्थ्य जांच के बाद बच्चों को हेल्थ कार्ड भी जारी किया गया है। जांच के बच्चों की बीमार होने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने ¨चता प्रकट की है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभिभावक के सजग रहने पर बच्चों को बीमार होने से बचाया जा सकता है।
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आठ हजार बच्चों को मेडिकल कॉलेज में होगी चिकित्सा
मधेपुरा। स्वास्थ्य जांच के दौरान बीमार पाए बच्चों में से करीब 11 हजार बच्चों का उपचार यहां के अस्पतालों में कराया जा चुका है। वहीं गंभीर बीमारी से पीड़ित आठ हजार बच्चों को बेहतर चिकित्सा के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंभीर रूप से बीमार बच्चों को बेहतर इलाज के लिए दरभंगा, भागलपुर एवं पटना मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
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प्रखंड स्तर पर हुई थी बच्चों की स्वास्थ्य जांच
स्थान, बच्चों की संख्या, बीमार बच्चों की संख्या
मुरहो - 36723 - 617
आलमनगर - 23141 - 2463
बिहारीगंज - 28730 - 2070
चौसा - 25052 - 365
गम्हरिया - 18595 - 1299
घैलाढ़ - 22531 - 2708
ग्वालपाड़ा - 25174 - 1221
कुमारखंड - 22000 - 1367
मुरलीगंज - 46815 - 1545
पुरैनी - 24353 - 363
शंकरपुर - 20621 - 1135
¨सहेश्वर - 18592 - 1754
उदाकिशुनगंज - 26264 - 2027
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कोट
स्कूलों में अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। जांच के दौरान गंभीर रूप से बीमार बच्चों को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अभिभावक का जागरूक रहना आवश्यक है।
-डॉ. शैलेंद्र कुमार गुप्ता, एसीएमओ सदर अस्पताल
मधेपुरा