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12 घंटे की विद्युत कटौती से मचा हाहाकार

By Edited By: Published: Mon, 18 Jun 2012 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2012 06:18 PM (IST)
12 घंटे की विद्युत कटौती से मचा हाहाकार

दिनेश, मधेपुरा : हर दिन बढ़ती गर्मी से जूझ रहे लोगों की परेशानी बिजली कटौती से और बढ़ गई है। जिला मुख्यालय पर 7-12 घंटे तक की कटौती तो ग्रामीण इलाकों में रात दिन मिलाकर पांच से आठ घंटे ही बमुश्किल से उपभोक्ताओं को मिल पा रही है। इस प्रकार 12 घटे की कटौती से शहर में हा-हाकार मचा हुआ है।

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विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सुदामा राय की माने तो फरक्का और कहलगांव बिजली उत्पादन की तीन इकाइयों में रविवार को खराबी आ गई। इसलिए केंद्र से बिहार को मिलने वाली बिजली में 600 मेगावाट की कमी आ गई। जिसके चलते यह स्थिति पैदा हो गई। वहीं मौसम विभाग की माने तो मौसम के रुप में अगले पांच छह दिनों में बदलाव आ सकता है। इस प्रकार गर्मी से निकट दिनों में निजात मिलने वाली नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ का भी कोई असर नहीं है। मानसून को आने में थोड़ा बहुत और वक्त लग सकता है। वैसे भी पिछले कई दिनों तक पारा 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाने से लोगबाग त्राहि-त्राहि कर उठे थे। लगता था मानो सूरज कान के पास ही उगा हुआ हो।

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केंद्र से मिलता 1585 मेगावाट बिजली

बिहार को केंद्र सरकार की ओर से 1585 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है। लेकिन फरक्का और कहलगांव की तीन इकाइयों में खराबी के चलते अब वर्तमान में बिहार को 1100-1200 मेगावाट के बीच ही बिजली मिल पा रही है।

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बाक्स

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सूर्य इतनी गर्मी कहां से पाता है

पूरी दुनिया को तपाने वाले सूर्य को इतनी गर्मी कहां से मिलती है। लोगों में आज भी चर्चा का विषय बना रहता है। जानकारों का कहना है कि सूर्य की उर्जा उसी में से आती है। अन्य तारों की तरह सूर्य मुख्य रुप से हाइड्रोजन और हीलियम गैस का एक विशाल गोला है। सूर्य यह उर्जा अपने केंद्र में पैदा करता है। इस प्रक्रिया को परमाणु विलय कहते हैं। इस उर्जा को सूर्य की सतह पर आने में लाखों वर्ष लग जाते हैं। जबकि नौ करोड़ 30 लाख मील की दूरी तय कर पृथ्वी पर पहुंचने में आठ मिनट से कुछ ज्यादा समय लग जाते हैं। सूर्य से निकली उर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी तक पहुंच पाता है। जिसमें से 15 प्रतिशत अंतरिक्ष में ही परिवर्तित हो जाता है। 30 प्रतिशत पानी को भाप बनाने में और बहुत सी उर्जा को पेड़ पौधे और समुद्र सोख लेते हैं।

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'फरक्का और कहलगांव बिजली उत्पाद की तीन इकाइयों खराबी आ जाने के चलते, लोगों को थोड़ा कम बिजली मिल पा रहा है, बन जाने पर यह संकट दूर हो जाएगा।'

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सुदामा राय

कार्यपालक अभियंता

विद्युत विभाग मधेपुरा

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