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ओवरलोडे वाहनों से जा रही है लोगों की जान

मधेपुरा। खटारा वाहन, ओवरलोड गड़ियां और तेज रफ्तार जिले में सड़क हादसे की प्रमुख वजह बनी हुई है। इसक

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 12:11 AM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 12:11 AM (IST)
ओवरलोडे वाहनों से जा रही है लोगों की जान

मधेपुरा। खटारा वाहन, ओवरलोड

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गड़ियां और तेज रफ्तार जिले में सड़क हादसे की प्रमुख वजह बनी हुई है। इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन करना भी हादसों का प्रमुख कारण है। जल्द पहुंचने की आपाधापी में फर्राटा भरता वाहन अक्सर दुर्घटना का कारण बन जाती है। थोड़ी सी समय बचाने के लिए तेज रफ्तार में वाहन चलाना अक्सर ¨जदगी पर ही भारी पड़ जाती है। तेज रफ्तार से वाहन चलाए जाने के दौरान हल्की सी चूक दुघर्टना में बदल जाती है। वाहन दुर्घटना को लेकर किए गए एक सर्वे के अनुसार तकरीबन 79 प्रतिशत दुर्घटना वाहन चालक की चूक की वजह से होती है।

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ओवरलोडेड वाहन से बड़ा खतरा :

जिले में ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन आम बात है। सड़कों पर क्षमता के काफी अधिक लोड वाहनों को चलता हुआ देखा जा सकता है। सवारी गाड़ी से लेकर माल ढुलाई वाले वाहन तक ओवरलोड होकर धड़ल्ले से फर्राटे भरते रहते हैं। ओवरलोडेड रहने की वजह से चालक का वाहन पर पुरी तरह नियंत्रक नहीं रह पाता है और अक्सर इस वजह से दुर्घटना होते रहती है। ट्रैक्टर एवं पिकअप वाहनें क्षमता से दुगुनी वजन तक का सामान ढुलाई करती रहती है।

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अनफिट वाहन बनती है दुर्घटना का कारण :

अनफिट व जर्जर वाहनों का सड़कों पर परिचालन जिले में धड़ल्ले से होता है। सड़क पर काफी तादाद में ऐसे वाहन चलते नजर आ जाएगा जो परिचालन के लिए बिल्कुल अनफिट है। अनफिट वाहनों की वजह से भी अक्सर दुर्घटना होती है। अनफिट वाहनों की वजह से भी अक्सर दुर्घटना होती है। अनफिट वाहन न सिर्फ अपने सवारियों के लिए बल्कि दूसरे वाहनों के लिए खतरा का कारण बन जाती है। कोहरे के मौसम में अधिकांश वाहनों में फोग लाइट नहीं लगी रहती है। जबकि कोहरे के मौसम में फोग लाइट लगा रहना आवश्यक होता है।

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रफ्तार लील रही ¨जदगियां :

रफ्तार का सौदा अक्सर दुर्घटना की वजह बन जाती है। बसों को जहां अगले ठहराव पर समय पर पहुंचने की जल्दबाजी होती है वहीं आटो में तो रेस ड्राइ¨वग होती है। ओटी की रेस ड्राइ¨वग कई बार दुर्घटना का कारण बन चुकी है। वहीं कई बाइर्क सवारों को भी तेज रफ्तार चलाना पसंद है। फर्राटा भरती बाइके हल्की सी चूक से दुर्घटना ग्रस्त हो जाती है।

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सड़क की खाई भी है दुर्घटना की वजह :

अत्यधिक घुमावदार एवं जर्जर सड़क के कारण भी दुर्घटना होते रहती है। अत्यधिक एवं तीक्ष्ण घुमावदार सड़कों पर भी चेतावनी संबंधी बोर्ड नहीं लगाए जाने से चालक को भी परेशानी हो जाती है। तीखी मोड़ के पास कई बार वाहन चालक नियंत्रण खो देते है। एनएच 106 के ¨सहेश्वर पिपरा मार्ग में बुढ़ावे पुल के पास की तीखी सड़क कई दुर्घटना का कारण बन चुकी है। प्रत्येक वर्ष इस जगह पर आधा दर्जन से अधिक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होती है। वहीं एनएच के ही मधेपुरा-चौसा मार्ग के ¨सगल लेन की सड़क किनारे फ्लैक नहीं रहने से भी कई बार दुर्घटना हो चुकी है।

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यातायात नियमों का उल्लंघन पड़ता है भारी :

यातायात नियमों की अनदेखी करना कई बार बड़े दुर्घटना का कारण बन चुकी है। सही लेन में नहीं चलना गलत तरीके से ओवरटेक करना, बिना हेलमेट के बाइक चलाना कई बार दुर्घटना का वजह बन चुकी है। जबकि जानकारों का कहना है कि यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाने से दुर्घटना में काफी कमी लाई जा सकती है।

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दुर्घटना में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना आवश्यक है। हमारी संस्था इस तरह का अभियान चलाते रही है। कोहरे के मौसम में दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए जल्द ही जागरूकता अभियाल चलाया जायेगा।

धर्मेन्द्र कुंमार ¨सह

सचिव

योगा सेवा सदन, मधेपुरा


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