हाईटेक हुआ संचार सेवा, डाक विभाग बेहाल
मधेपुरा। एक जमाना था, जब लोग परदेश में रह रहें रिश्तेदारों के समाचार जानने के लिए घंटों डाकिए का इंत
मधेपुरा। एक जमाना था, जब लोग परदेश में रह रहें रिश्तेदारों के समाचार जानने के लिए घंटों डाकिए का इंतजार करते थे। लोगों को समाचार जानने का साधन पत्र ही था। उस वक्त डाक विभाग को अच्छी राजस्व की आय होती थी। लेकिन आज हाईटेक के समय में संचार सेवा ने डाक व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। इस कारण डाक विभाग के राजस्व में लगातार गिरावट आ रही है। मोबाइल व टेलीफोन सेवा शुरू होने से सबसे ज्यादा नुकसान डाकविभाग को हुआ है। डाक विभाग की सबसे तेज सेवा स्पीड पोस्ट भी संचार सेवा के सामने अपना व्यवसाय बढ़ाने में सफल साबित नहीं हो पा रहे है। मोबाइल के बढ़ते नेटवर्क के कारण लोग पत्र भेजना भूलने लगे है। प्रतियोगी परीक्षाओं में ऑन लाइन फार्म भरने की प्रक्रिया प्रारंभ होने के कारण डाक विभाग को नुकसान हुआ है। कभी कभार डाक घर में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रवेश पत्र आते देखा जाता है। कई बार तो परीक्षा के निर्धारित तिथि बीतने के बाद प्रवेश पत्र पहुंचाने की शिकायतें भी मिलती है। जानकारों का कहना है कि आज के संचार क्रांति के युग में डाक सेवा में काफी समय लगता है।