'अब मुर्दा भी कर रहे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन'
संवाद सूत्र, मधेपुरा : सोमवार से स्थानीय टीपी कॉलेज मूल्यांकन केन्द्र पर प्रारंभ हुए इंटर विज्ञान के
संवाद सूत्र, मधेपुरा : सोमवार से स्थानीय टीपी कॉलेज मूल्यांकन केन्द्र पर प्रारंभ हुए इंटर विज्ञान के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की कई अनियमितताएं उजागर हुई है। आलम यह है कि समिति ने इस मूल्यांकन केन्द्र पर पार्वती विज्ञान महाविद्यालय में पूर्व में कार्यरत डॉ. विवेकानंद वर्मा को भी परीक्षक बनाया है जिनकी मौत एक साल पूर्व हो चुकी है।
मूल्यांकन कार्य में लगे डॉ. योगेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि मूल्यांकन का कार्य 30 मार्च से नौ अप्रैल तक चलेगा। मूल्यांकन के लिए आए लगभग एक लाख उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 237 परीक्षक तथा 43 प्रधान परीक्षकों की नियुक्ति की गई है। सूची के अवलोकन से पता चला है कि काउंसिल ने बीआरएम कॉलेज मुंगेर के शिक्षक सह प्रधान परीक्षक डॉ. एमए नियाजी के साथ मुंगेर तथा जमुई के 13 परीक्षकों को नियुक्त किया था किंतु मूल्यांकन निदेशक डॉ. एचकेएल जोहरी ने उनलोगों का योगदान नहीं लिया क्योंकि उन्हें यह एहसास हुआ कि समिति ने सेटिंग के दौरान मुंगेर व जमुई के शिक्षकों को क्रमश: प्रधान परीक्षक तथा सह परीक्षक के रूप में नियुक्त किया है। इसके अलावा भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान में एक ही शिक्षक को प्रधान परीक्षक के रूप में दो गु्रपों में नियुक्त किया गया है। देखा गया कि भौतिक विज्ञान में 11, रसायन विज्ञान में 10, गणित में आठ, जीव विज्ञान में 05, हिंदी में चार तथा अंग्रेजी में पांच प्रधान परीक्षकों को नियुक्त किया गया है जबकि हिंदी तथा अंग्रेजी विषयों में विज्ञान के अन्य विषयों की तुलना में उतर पुस्तिकाओं की संख्या अधिक है। समिति के इस कारगुजारी से यह स्पष्ट होता है कि समिति छात्रों के भविष्य के प्रति कितना संवेदनशील है। समिति भले ही सूची भेजकर अपना दायित्व पूरा कर लें। किंतु उनके द्वारा की गई गलती से मूल्यांकन निदेशक को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।