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कोसी में गरीबी लील रही बच्चों की आजादी

जागरण संवाददाता, मधेपुरा : कोसी में मासूम की आजादी खो रही है। सपने दफन हो रहे हैं। खेल की उम्र में क

By Edited By: Published: Mon, 02 Feb 2015 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 02 Feb 2015 01:01 AM (IST)
कोसी में गरीबी लील रही बच्चों की आजादी

जागरण संवाददाता, मधेपुरा : कोसी में मासूम की आजादी खो रही है। सपने दफन हो रहे हैं। खेल की उम्र में काम कर रहे हैं। रोटी के लिए बचपन खत्म हो रहे है। मधेपुरा के करीब 30 हजार बच्चे पढ़ने की उम्र में काम कर रहे हैं। वहीं 60 हजार बच्चे घर की परेशानी को लेकर विद्यालय नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे बच्चे प्रशासन व सरकार को मुंह चिढ़ा रहा है। यह आंकड़ा काफी दुखद है। विद्यालय से वंचित ऐसे बच्चों की पुष्टि हंगामा सर्वे में भी हो चुका है। यद्यपि प्रशासन अभियान चलाकर बाल श्रम को रोकने की बात कह रहा है, लेकिन वस्तु स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी इस संबंध में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। बस इतना ही कहते हैं कि विद्यालय से बाहर बच्चों को चिन्हित करने के लिए बाल पंजी का संघारण किया जा रहा है। इन सब के बीच मासूमों के भविष्य पर अंधेरा बढ़ता जा रहा है।

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जिले के 60 हजार बच्चे है विद्यालय से बाहर

जिले में विद्यालय जाने वाले बच्चों की संख्या करीब छह लाख है। इनमें से सरकारी विद्यालयों में 4,68,413 व 76 हजार बच्चे निजी विद्यालयों में नामांकित है। वहीं काफी संख्या में बच्चे होटल, चाय दुकान सहित अन्य कार्य करते हैं। ऐसे बच्चे विद्यालय नहीं जा पाते। पिछले माह प्रशासन ने करीब एक दर्जन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया था।

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गरीबी है जिम्मेदार

गरीबी के कारण अभिभावक भी बच्चों को विद्यालय नहीं भेज पाते। रामशंकर कुमार, सुधाकर कुमार, रजनी देवी आदि ने बताया कि दो जून की रोटी के लिए सभी को काम करना पड़ता है। बच्चे भी काम में हाथ बंटाते हैं तो कार्य जल्दी होता है। स्कूल भेजेंगे तो काम कैसे होगा।

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बनायी जा रही बाल पंजी

विद्यालय से बाहर रहने वाले बच्चों को चिन्हित करने के लिए बाल पंजी का निर्माण किया जा रहा है। कर्मी घर-घर जाकर ऐसे बच्चों को चिन्हित कर रहे हैं जो विद्यालय नहीं जाते। इसके लिए शिक्षा विभाग ने काफी संख्या में कर्मी को लगाया है।

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कोट के लिए-

फिलहाल वे इस संबंध में कुछ नहीं बता सकते। सोमवार को ही वे स्थिति को बता पाएंगे।

बीएन मंडल, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधेपुरा।


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