पोशाक राशि नहीं मिलने पर छात्रों ने किया सड़क जाम
संवाद सूत्र, घैलाढ़, मधेपुरा : पोशाक एवं छात्रवृति राशि से वंचित घैलाढ़ पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद
संवाद सूत्र, घैलाढ़, मधेपुरा : पोशाक एवं छात्रवृति राशि से वंचित घैलाढ़ पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, इनरवा के सैकड़ों छात्र एवं अभिभावकों ने मंगलवार को बैजनाथपुर लिटियाही पथ को घंटों जाम कर दिया। छात्रों ने शिक्षा विभाग एवं प्रधानाध्यापक के विरूद्ध टायर जलाकर रोषपूर्ण प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। छात्रों एवं ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाध्यापक द्वारा वर्ष 2012 से अबतक सोची-समझी साजिश के तहत छात्रवृति एवं पोशाक राशि से हम छात्रों को वंचित रखा गया है। फर्जी हस्ताक्षर कर छात्रवृति पोशाक राशि में भारी पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। मध्याह्न भोजन योजना में छात्रों की उपस्थिति बढ़ा चढ़ा कर पैसों का वारा-न्यारा किया जा रहा है, जो छात्र कभी स्कूल नहीं आते हैं उसका 75 प्रतिशत उपस्थिति बना दिया गया है। रोज आने वाले छात्रों को वंचित रखा गया है। इससे पूर्व भी दर्जनों बार विद्यालय प्रधानाध्यापक द्वारा किये गये अनियमितता के विरूद्ध विभागीय पदाधिकारी को आवेदन दिया गया है। लेकिन विभागीय पदाधिकारी के मिली भगत से इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ और इनका मनोबल बढ़ता रहा। इस पोषक क्षेत्र में दलित एवं महादलितों की संख्या अधिक है। इससे 10 दिन पूर्व भी राशि से वंचित छात्रों ने स्कूल के प्रधान व सहायक शिक्षक के खिलाफ विद्यालय में ताला जड़कर विद्यालय प्रधान कि खिलाफ नारेबाजी की गई थी। बाद में जिला पार्षद दिनेश फौजी के समझाने बुझाने पर मामला शांत हुआ और 27 जनवरी को राशि वितरण की तिथि रखी गई लेकिन 27 जनवरी को विद्यालय प्रधान विद्यालय नहीं आये जिसके कारण ग्रामीण व छात्र उग्र हो गये और विद्यालय में ताला जड़ दिया। जिससे पठन पाठन बंद हो गया इससे भी बात नहीं बनी तो उग्र लोगों ने सड़क पर उतर मुख्य मार्ग को घंटो जाम रखा जिसके कारण राहगिरों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। घटना की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष पवन पासवान ने वरीय पदाधिकारी से बात कर काफी मान मनोवल के बाद सड़क जाम तुड़वाने में सफल रहे।
कहते हैं प्रधानाध्यापक : विद्यालय प्रधानाध्यापक हैम कुमार ने दूरभाष पर बताया कि विद्यालय में कुल नामांकित 282 छात्र में से 57 छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत रहने के कारण इन छात्रों को राशि दी जायेगी। ग्रामीण सोची समझी साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।