'फूल' की चाहत में चुन रहे 'कांटे'
धर्मेद्र भारद्वाज, जागरण संवाददाता, मधेपुरा : इश्क का भूत मधेपुरा के युवा का जीवन तबाह कर रहा है। यु
धर्मेद्र भारद्वाज, जागरण संवाददाता, मधेपुरा : इश्क का भूत मधेपुरा के युवा का जीवन तबाह कर रहा है। युवा वर्ग को फूल के बदले कांटे मिल रहे हैं। प्यार व चाहत से भरी जिन्दगी के बदले वे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं। यह कहानी एक दो नहीं करीब दो दर्जन से अधिक युवाओं की है। जो प्रेम के चक्कर में पड़कर जेल में बंद हैं या फिर न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाय तो विभिन्न थानों में करीब चार दर्जन भर से अधिक मामले इस प्रकार हैं। जिसमें प्रेमी जोड़े शादी के लिए घर से फरार हुए, लेकिन लड़की के परिवार वालों ने अपहरण का केस दर्ज कर दिया। बरामदगी के बाद लड़की ने भी परिजनों के दबाव में आकर लड़के का साथ छोड़ दिया। स्थिति यह होती है कि लड़के को जेल भेज दिया जाता है।
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केस स्टडी
- जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के तमोट परसा गांव की अस्मिता रानी (काल्पनिक नाम) मृत्युंजय कुमार के साथ भागी थी। पुलिस ने दोनों को पटना से बरामद किया। अपहरण के आरोप में मृत्युंजय जेल में बंद है।
- कुमाखंड प्रखंड की रुपम कुमारी (काल्पनिक नाम) भी प्रेमी के साथ भागी थी, लेकिन बाद में परिजनों के दबाव में आकर उसने बयान बदल लिया।
- चौसा की शांति कुमारी (काल्पनिक नाम) को भगाने के आरोप में श्रवण कुमार न्यायालय का चक्कर लगा रहा हैं।
- घैलाढ़, बिहारीगंज व आलमनगर में भी इस तरह की कई घटनाएं घटी है।
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कोट के लिए-
अक्सर प्रेम के चक्कर में फरार लड़की के परिजनों द्वारा अपहरण का मामला दर्ज कराया जाता है। ऐसे में बरामदगी के बाद लड़की भी परिजनों के दबाव में आकर लड़के के खिलाफ बयान दे देती हैं। परिणाम स्वरुप लड़के को सजा हो जाती है।
नवीन कुमार सिंह, थानाध्यक्ष, मधेपुरा।