'जब तक नहीं होगी मांगे पूरी, डटे रहेंगे हम'
संवाद सूत्र (चौसा) मधेपुरा : प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मधुरापुर क
संवाद सूत्र (चौसा) मधेपुरा : प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मधुरापुर के बच्चे एवं ग्रामीणों द्वारा अन्यत्र स्थान पर विद्यालय संचालित करने के खिलाफ प्रखंड संसाधन केन्द्र में हंगामा कर बवाल काटा। ग्रामीण विद्यालय को हर हाल में अरजपुर में ही संचालन की मांग कर रहे थे।
मालूम हो कि 2006 में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय मधुरामपुर मुसहरी की स्वीकृति मिलने के उपरांत मुसहरी में विद्यालय का संचालन किया जाने लगा। स्थानीय ग्रामीण रामधन ऋषिदेव एवं राधे ऋषिदेव ने विद्यालय भवन निर्माण हेतु आठ डिसमिल जमीन दान स्वरूप शिक्षा विभाग को जब विद्यालय का संचालन होने लगा तो मधुरामपुर के ग्रामीणों ने उक्त विद्यालय के भवन निर्माण हेतु 21 डिसमिल जमीन दान में दी। विद्यालय भवन निर्माण हेतु फरवरी 2014 में एक लाख तीन हजार सात सौ रूपये का आवंटन किया। दो टोले के विवाद के कारण विद्यालय का भवन निर्माण अवरूद्ध हो गया। पिछले आठ वर्षो से मुसहरी में संचालित विद्यालय को सोमवार को मुसहरी से हटाकर मधुरापुर में संचालित किया जाने लगा तो बच्चे एवं ग्रामीणों ने प्रखंड संसाधन केन्द्र चौसा पहुंचकर घेरा डालो, डेरा डालों के तहत हो हंगामा किया एवं घंटो बवाल करना शुरु कर दिया। इसके बाद सरकार के विरूद्ध नारे भी लगाये। घटना की सूचना मिलते ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कैलाश चौधरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा, अंचलाधिकरी सहदुल हक, सहायक अवर निरीक्षक सच्चिदानंद सिंह, बीस सूत्री अध्यक्ष मनोज प्रसाद मौके पर पहुंच कर स्थिति की जानकारी ली और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण पदाधिकारियों की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं हुए। बीआरसी के अंदर पहुंचकर चल रहे कार्य को बाधित किया। ग्रामीण रानी देवी, दुलारी देवी, उमा देवी, पूनम देवी, अकली देवी, मनोज ऋषिदेव, महेन्द्र ऋषिदेव आदि ने पदाधिकारियों से कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हम यहीं घेरा डालो, डेरा डालों के तहत रहेंगे। और ग्रामीण बीआरसी के अंदर प्रवेश कर गये। बीआरसी से ग्रामीणों को बाहर निकालने का भी प्रयास किया गया लेकिन अधिकारी असफल रहे। बीडीओ श्री वर्मा ने उक्त विद्यालय के शिक्षकों को अगले आदेश तक मुसहरी में ही विद्यालय संचालन करने का निर्देश मोबाइल पर दिया। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्री चौधरी बताते हैं कि मधुरापुर मुसहरी में 2006 में ही विद्यालय खुला है। दो टोले के विवाद के कारण ही विद्यालय का भवन निर्माण नहीं हो पाया। समाचार प्रेषण तक मुसहरी के ग्रामीण एवं बच्चे बीआरसी के अंदर डेरा डाले हुए थे।