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जमीन के टुकड़े के लिए जिंदगी हो रही है कुर्बान

विनय कुमार अजय/मधेपुरा, जासं : जमीन के टुकड़े के लिए लोगों का ईमान डोल रहा है। हाल के दिनों में जमीन

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 05:30 PM (IST)
जमीन के टुकड़े के लिए 
जिंदगी हो रही है कुर्बान

विनय कुमार अजय/मधेपुरा, जासं : जमीन के टुकड़े के लिए लोगों का ईमान डोल रहा है। हाल के दिनों में जमीन विवाद में आधा दर्जन से अधिक लोगों की हत्याएं हो चुकी है। लेकिन प्रशासन की नींद खुलने का नाम नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन की फाइलों में कराहते जमीन विवाद से जुड़े मामले मौत के खेल में अहम भूमिका निभा रहा है। यही वजह है कि प्रशासनिक नाकामी के कारण जमीन के टुकड़े के लिए जंग जारी है। विदित रहे कि जमीन के विवाद को लेकर कइयों की मांगें सूनी हो गई तो कई नौनिहाल पिता से महरूम हो गए। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही है।

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उधर, फसल कटाई व बुआई के समय उदाकिशुनगंज, चौसा, फुलौत, आलमनगर आदि थाना क्षेत्र में वारदात बढ़ने की संभावना बनी रहती है। ज्ञात हो कि वर्ष 2004 में बिहारीगंज के तुलसिया में 25 बीघा जमीन के लिए हुई मारपीट में पांच महादलित महिला की मौत हो गई थी।

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प्रशासनिक पेंच में कराह रहे फरियाद :

जमीन विवाद से जुड़े फरियाद पर प्रशासन की फाइलों में धूल फांक रहे हैं। जानकारी अनुसार, बीते तीन वर्षो दाखिल खारिज के 13121 मामले संबंधित कार्यालय में लंबित हैं। इतना ही नहीं डीसीएलआर के कोर्ट में दायर भूमि विवाद के मामले भी धूल फांक रहे हैं। सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण 675 मामले लंबित बताए जाते हैं। ऐसे में जमीन पर कई पक्षों के दावे के दौरान खून का खेल जारी है।

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राजस्व विभाग में होता है फर्जीवाडे़ का खेल : बताया जाता है राजस्व विभाग का खतियान त्रुटिपुर्ण है। इसके साथ ही भू-माफिया द्वारा पुरानी जमीन को विवादित बनाकर भूमि विवाद पैदा किया जाता है और बाद में औने-पौने भाव में पुराने बिक चुकी जमीन का केवाला कर जमीनी विवाद खड़ा किया जाता है। राजस्व विभाग के कर्मचारी पुराने और नए दोनों रैयत की जमाबंदी रसीद देते हैं। फर्जी रसीद के अलावा अब एक पक्ष को रजिस्टर-2 से और दूसरे को खतियान से रसीद जारी कर दिया जाता है। राजस्व रसीद पाते ही विभिन्न पक्षों द्वारा दावा की शुरूआत हो जाती है। इतना ही नहीं फर्जी बासगीत पर्चा की दुकान भी अंचल में कथित मुंशी द्वारा संचालित है।

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कोट

भूमि विवाद के संबंध में प्रत्येक मंगलवार को थानाध्यक्ष व अंचलाधिकारी द्वारा संयुक्त रुप से बैठक कर समस्याओं का निबटारा किया जाता है। इसके अलावा थाना स्तर पर परामर्श सभा आयोजित कर भूमि विवाद का निबटारा किया जाता है।

: आनंद कुमार सिंह, एसपी, मधेपुरा।

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केस स्टडी - वन

बुधवार की रात बुधमा पंचायत के अकहा बहियार में हथियार बंद बदमाशों ने जमीन विवाद में सहरसा के बसनही थाना क्षेत्र के निवासी वरुण कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी।

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केस स्टडी - 2

कुमारखंड थाना के मौजा इसराईन कला के यदुआपट्टी गाव में केवाला कराकर जोत आबाद कर रहे भुधारी मोती उर्रहमान की हत्या 18 कट्ठा जमीन के लिए कर दी गई। पत्‍‌नी शहनाज खातुन के माग सदा के सूनी हो गई और उसके पांच बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया।

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केस स्टडी - 3

कुमारखंड मौजा के मरराईन पट्टी टोला भतनी में महज तीन डिसमिल फर्जी बासगीत पर्चा की लड़ाई में गुलाब चन्द ऋषिदेव को अपनी जान गंवानी पड़ी। उसके तीन बच्चों के सिर से पिता का साया छूट गया।

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केस स्टडी- 4

बाधमाड़ा मौजा के बधवा गाव में पाच कट्ठा जमीन के चचेरे भाई ने अशोक शर्मा की परमानन्दपुर हाट से लौटते समय अपहरण कर बासबाड़ी में गला दबा कर हत्या कर दी गई जिसमें सतन शर्मा पर हत्या का आरोप लगा। हालांकि इससे पूर्व से जमीन विवाद चल रहा था।

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केस स्टडी - 5

मंगरवाड़ा मौजा के रहटा टोला में गुरूवार को पांच कट्ठा जमीन के लिए हृदय विदारक घटना घटी। पाच वर्ष पूर्व जमीन स्थानीय सोती शर्मा ने भू-धारी से खरीदा था। उसी जमीन को उनके संबंधी राजेश्वर शर्मा ने फिर से केवाला करा लिया। जिससे विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में हुई मारपीट में दोनों पक्ष के आठ व्यक्ति घायल हो गए। सदर अस्पताल जाते समय ही सुरेश शर्मा की मौत हो गई। उनकी शादी के अभी मात्र चार महीने ही हुए थे।

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जमीन की जमाबंदी : पाच हजार बिना दखल दिहानी के जमाबंदी : दस हजार

सही केवाला में जमाबंदी : 500 रुपये

केवाला के खाता में गड़बड़ी होने पर : 5000 रुपए

अधिक गड़बड़ी या फर्जी नामान्तरण : 20 हजार रुपए

सूत्रों की मानें तो अंचल के खास चहेते मुंशी इस काम को अंजाम देते हैं।

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डीसीएलआर कोर्ट का हाल

वर्ष : दायर मामले : लंबित मामले

2012-13 : 752 : 94

2013-14 : 1318 : 218

2014-15 : 708 : 363

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