दूध के कारोबार में बढ़ रहा काले कारोबारियों का वर्चस्व
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : सफेद कारोबार में काले कारोबारियों के बढ़ते वर्चस्व से लोगों के स्वास्थ्य पर
संवाद सहयोगी, मधेपुरा : सफेद कारोबार में काले कारोबारियों के बढ़ते वर्चस्व से लोगों के स्वास्थ्य पर काला साया मंडराने लगा है। दिन व प्रतिदिन मिलावट के कारोबार के कारण जहां बाजार में मिलावटी दूध का सेवन करने के लिए लोग मजबूर हो रहे हैं। वहीं उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालने का खतरा उत्पन्न हो गया है। बावजूद इसके विभागीय प्रशासन द्वारा मिलावटी दूध विक्रेताओं के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
मिलावटी दूध विक्रेता के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लिहाजा दूध विक्रेताओं के द्वारा मिलावटी दूध बिक्री का धंधा बेखौफ जारी है। बाजार में बिक रहे मिलावटी दूध लोग सेवन करने को मजबूर हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया मिलावटी सामग्री पर अंकुश लगाने वाले खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर बाजार से दूध पाउडर का नमूना लेकर जांच हेतु लेबोरेट्री को भेजा जाता है। नमूना जांच कलकत्ता में होता है। उन्होंने बताया कि को मिलावटी दूध का नमूना लेकर जांच हेतु कलकत्ता लेबोरेट्री को भेजा जाता है। इस इलाके में बेचे जा रहे मिलावटी दूध में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो वैसा सामग्री नहीं मिलाया जाता है। जैसा की पूर्व में जांच के दौरान पता चला। हानीकारक सिंथेटिक दूध बड़े-बड़े शहरों में बिकता है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रमंडल का प्रभार होने के कारण सात साथ ही विभाग में गाड़ी नहीं रहने के कारण कार्य में परेशानी होती है।
क्या कहते हैं चिकित्सक
डा. बीके गुप्ता ने बताया कि बाजार में बिक रहे अधिकतर दूध एवं उससे बने सामग्री पूरी तरह पूरी तरह सिंथेटिक है। जो डिटर्जेट, यूरिया, कास्टिक सोडा, फोर्मलीन, फैट, नारियल आदि से बनाया जाता है। उसी दूध का सेवन लोग कर रहे हैं। जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है। सिंथेटिक एवं मिलावटी दूध के सेवन से किडनी की बिमारी, लीबर की बीमारी, दीमाग, हृदय सहित शरीर के सभी ग्रंथी को प्रभावित करता है। इसलिए लोगो को ऐसे दूध के सेवन करने से बचना चाहिए।
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