सफाईकर्मियों के समर्थन में गोलबंद हो रहे वार्ड पार्षद
जागरण संवाददाता, मधेपुरा : मधेपुरा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को महिला सफाईकर्मियों के घर पर ब
जागरण संवाददाता, मधेपुरा : मधेपुरा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को महिला सफाईकर्मियों के घर पर बुलाने का दबाव महंगा पड़ सकता है। दरअसल महिलाओं के शोषण के खिलाफ गोलबंद हो रहे वार्ड पार्षदों के रुख ने मामले को गंभीर मोड़ पर ला दिया है। नगर परिषद की कई महिला वार्ड पार्षदों ने महिलाओं के प्रति ऐसी कुंठित मानसिकता वाले अधिकारी के साथ काम करने से इंकार कर दिया है। उनका आरोप है कि ऐसे अधिकारी के साथ काम करने में परेशानी हो सकती है। उधर, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी लखेन्द्र पासवान ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए साजिश करार दिया है।
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विवादित अधिकारी को बचा
रहे एक अधिकारी :
उधर, महादलित महिला सफाईकर्मी व नगर परिषद अधिकारी प्रकरण उजागर होने के बाद प्रशासनिक चुप्पी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जाता है कि आरोपों के घेरे में आ चुके नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी लखेन्द्र पासवान एक अधिकारी के काफी करीबी माने जाते हैं। इसके चलते विवादित अधिकारी बचाने के सारे तिकड़म आजमाए जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो इसके लिए सफाईकर्मियों को अपने समर्थन में करने के लिए संबंधित अधिकारी लालच तक दे रहे हैं।
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शर्मनाक है मजबूरी का फायदा उठना : उधर, कई महिला वार्ड पार्षदों ने पूरे प्रकरण को शर्मनाक बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है ताकि सरकार व प्रशासन पर लोगों का खासकर महिलाओं का भरोसा बना रहे। वार्ड पार्षद मुकेश कुमार, ध्यानी यादव, मुकेश कुमार मुन्ना, रतन देवी, कमला देवी, रेशमा प्रवीण, सुधा कुमारी, रविशंकर यादव, दुखा महतो, दिनेश आदि ने सफाईकर्मी प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब महिला सफाईकर्मियों की मजबूरी का फायदा उठा कर उनका शोषण करने की मानसिकता वाले पदाधिकारी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पार्षदों ने कहा कि अगर जल्द ही पूरे प्रकरण की जांच कर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो सफाईकर्मियों के समर्थन में आंदोलन तेज किया जाएगा।
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क्या है पूरा मामला : नगर परिषद के अधीन काम करने वाली महादलित महिला सफाईकर्मियों का आरोप है कि लगभग छह माह से कार्यपालक पदाधिकारी लखेन्द्र पासवान बराबर अपने आवास पर आने को कहते हैं। आवास पर नहीं जाने पर पदाधिकारी द्वारा कहा जाता है कि हाजिरी काट देंगे और काम से हटा देंगे। साथ ही आपत्तिजनक भाषा का भी प्रयोग करते हैं।
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