धान की फसल जलमग्न
जेएनएन, मधेपुरा : शकरपुर प्रखंड के हरिरहा गांव के समीप रविवार को एमबीसी नहर का तटबंध टूट जाने से लगभग 100 एकड़ में खड़ी धान की फसल खेतों में जलमग्न हो गई। लगभग तीन दर्जन लोगों के घरों में नहर का पानी प्रवेश कर गया। बाढ़ से लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है। करोड़ों की क्षति का अनुमान है। सबसे अधिक हरिराहा पंचायत का टेंगहा टोला और बाली टोला प्रभावित है।
इस बारे में जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्रवण कुमार ने बताया कि रात में अचानक नहर में पानी ओवरफ्लो कर गया था, जिसके चलते टेंगहा टोला के वार्ड नम्बर एक के समीप नहर का किनारा टूट गया। वहीं सीओ भुनेश्वर झा ने बताया कि हल्का कर्मचारी को निर्देश दे दिया गया कि वह किसानों की सूची बनाकर बताए कि किसकी कितनी फसल बर्बाद हुई है, ताकि उसे उचित मुआवजा दिया जा सके। यह तो संयोग रहा कि किसी की इस मामले में जान नहीं गई। प्रभावितों के नाम शंकर साह, रामचंद्र, राजेश, शंभु, राजकिशोर, लक्ष्मी, गौरी, रीता देवी, बेचन साह, अनंत मेहता, रामचंद्र यादव, डोमी, चतुरी, जोगेंद्र, शहाबुददीन, मुस्तिकीम, अलाउददीन, खुर्शीद आलम, मुर्शीद आलम, शैबन खातून आदि शामिल है।
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वर्ष 2008 में भी इसी नहर का टूटा था तटबंध
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इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2008 में भी इसी नहर का तटबंध इसी जगह से टूट गया था। अब एक बार फिर वहीं तटबंध टूटा है। जिससे स्पष्ट है कि जल संसाधन विभाग ने नहर के तटबंध की मरम्मत सही तरीके से नहीं कराई थी।
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