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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा से जुडे़ पांच सवाल

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 07:27 PM (IST)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा से जुडे़ पांच सवाल

मधेपुरा/जागरण प्रतिनिधि : यह पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधेपुरा पहुंच रहे है। अब तक वह मधेपुरा चार पांच बार आ चुके है। 24 सितंबर 2012 से जब उन्होंने अधिकार यात्रा की थी तभी वे यहां आए थे। लेकिन इस बार की यात्रा का निहितार्थ यह निकाला जा रहा है कि केंद्र की राजनीति में खुद के कद को बढ़ाना और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की स्थिति को मतबूत करने से लेकर स्थानीय स्तर पर बनने और बिगड़ने वाले समीकरणों का नजदीक से अध्ययन करना। आइए डालते हैं सीएम की यात्रा के प्रमुख पांच सवालों पर प्रकाश :

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केंद्र की राजनीति : मुख्यमंत्री भले ही यह कहते रहे हो कि वे पीएम पद के उम्मीदवार नहीं है। लेकिन सब जानते हैं कि देश का नेतृत्व करने की इच्छा हर बडे़ नेता के मन में होती है। इस यात्रा को एक चुनावी यात्रा के रुप में देखा जा सकता है। जिसमें वह अपने राजनीतिक दृष्टिकोण के बारे में लोगों को जानकारी देंगे।

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नमो बनाम नीतीश : नमो के साथ अब उनकी अनबन खुलकर सामने आ गई है। ज्ञात रहे कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने साफ कहा था कि नीतीश गुजरात में बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार करेंगे। बाद में नीतीश ने इंकार कर दिया। लेकिन कहीं ने कहीं इस बार की यात्रा में नीतीश अपनी और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की छवि को चमकाने का प्रयास जरुर करेंगे।

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सेंटर में सूबे की छबि : कोसी में वैसे तो लोकसभा की दर्जन भर से अधिक सींटे है। लेकिन जैसे सूबे में 40 सींटे होने के बाद भी केंद्र में बिहार की अधिक पूछ नहीं होती है। ठीक उसी प्रकार कोसी में दर्जन भर लोकसभा की अधिक सींटे होने के बाद भी कोसी की पटना में अधिक पूछ नहीं होती। नीतीश कुमार की यह कोशिश होगी कि वह बिहार को विशेष पैकेज की मांग की रोशनी में बिहार के स्वाभिमान की बात को उठाकर पार्टी की स्थिति को मजबूत बना सके।

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अंदरुनी राजनीति : भाजपा से पृथक होने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री मधेपुरा पहुंच रहे है। इस बार उन्होंने

एकला चलो की नीति को अपना लिया है। जो कहीं न कहीं केंद्र की राजनीति से जुड़ा हुआ लगता है। नीतीश पहले भी कह चुके है कि वह किसी भी ऐसे दल का समर्थन कर सकते हैं जो केंद्र में बिहार की के लिए काम करे।

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बिहार का गौरव : राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाली नीतीश निश्चित रुप इस बार के यात्रा में पार्टी नीति और सरकार की उपलब्धियों को बढ़चढ़ कर लोगों को बताने का काम करेंगे। सरकारी नीतियों के जरिए नीतीश कोसी के लोगों में बिहार का गौरव होने का दंभ भर सकते है। यात्राओं से लोग खुद को मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ महसूस तो करते ही है।


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