प्रश्नोत्तर के साथ मिल रही है चिट्ठी व गुरू दक्षिणा
मधेपुरा, जागरण संवाददाता : सर, मेरे मां-पिता जी इस दुनियां से मुझे उस वक्त छोड़ कर चले गए जब मैं होश भी नहीं संभाली थी। मेरी हालत देख मेरे बुआ व फूफा ने मेरी परवरिश की और सरकारी विद्यालय में पढ़ाया-लिखाया। मैं आर्थिक रूप से काफी कमजोर हूं और मेरी जिन्दगी की डोर आप जैसे गुरू जी के हाथों में है। गुरू की कृपा से ही मैंने मैट्रिक का परीक्षा प्रपत्र भी भरा तथा परीक्षा भी दिया। अब आपके हाथ में मेरी जिन्दगी है। शादी की बात चल रही है किन्तु शर्त है कि मैं प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास कर लूं। अगर मैं प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास नहीं कर सका तो मेरी शादी टूट जाएगी और जिन्दगी बोझ बन जाएगी। इसी तरह का लंबा पत्र उत्तर पुस्तिकाओं में लिखा था और उसके साथ पचास रूपए का नोट भी लगा था। परीक्षकों का कहना है कि कापी में कुछ वैसा लिखा नहीं था जिसके बूते परीक्षार्थी को अच्छा अंक दिया जा सके। परीक्षक डा. सुरेश कुमार भूषण, डा.अरूण कुमार, मालती कुमारी, डा. श्याम प्रसाद यादव, संतोष कुमार, पंकज कुमार आदि ने बताया कि सभी प्रश्नों का जवाब देने में विफल परीक्षार्थी परीक्षकों का मानसिक शोषण करते हैं तथा बतौर रिश्वत पचास रूपए देकर हमारे ईमान को खरीदना चाहते हैं किन्तु शिक्षक परीक्षार्थियों के इस झांसे में आने वाले नहीं हैं।
पैरवी पुत्रों को मूल्यांकन निदेशक ने लगाई फटकार : मूल्यांकन निदेशक उपेन्द्र प्रसाद यादव ने बताया कि पैसा लेकर पैरवी करने वालों के साथ हम कड़ाई से निपटेंगे। किसी भी हालत में मूल्यांकन में कदाचार को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कुछ लोग पैरवी करने मूल्यांकन केन्द्र पर पहुंचे। मैंने उससे स्पष्ट कहा कि अगर आप तुरंत बाहर नहीं जाऐंगे तो हम प्रशासन को सूचना देकर आपको गिरफ्तार करा देंगे। इतना सुनते ही वह व्यक्ति फरार हो गया।