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आज से आंगनबाड़ी केंद्रों में लटक जाएंगे ताले

लखीसराय। विभिन्न मांगों को लेकर 24 मार्च से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रही

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 03:01 AM (IST)
आज से आंगनबाड़ी केंद्रों में लटक जाएंगे ताले
आज से आंगनबाड़ी केंद्रों में लटक जाएंगे ताले

लखीसराय। विभिन्न मांगों को लेकर 24 मार्च से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रही हैं। सेविका-सहायिका की हड़ताल के कारण केंद्रों पर ताले लग जाएंगे। इस कारण केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों की हड़ताल की अवधि तक मुंह के निवाले छीन जाएंगे। कारण है कि हड़ताल से निपटने में जिला प्रशासन असमर्थ है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वैकल्पिक व्यवस्था कर पाने में विभाग भी असमर्थ है। हड़ताल के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के साथ बच्चों को दी जाने वाली प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण रूप से ठप पड़ जाएगी। जिले में 966 मिनी व वृहत आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत है जहां 36,340 बच्चें पढ़ाई करते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को पोषाहार से भी वंचित रहना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर जिले की सेविका व सहायिका शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रही है। सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने के साथ ही 16 सूत्री मांगों को लेकर सेविका व सहायिका हड़ताल पर जा रही है।

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क्या कहते हैं अधिकारी

आइसीडीएस के प्रभारी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मंजू प्रसाद ने बताया कि हड़ताल से निपटने की विभाग के पास कोई संसाधन नहीं है। हड़ताल समाप्त होने के बाद ही आंगनबाड़ी केंद्र व्यवस्थित रूप से संचालित होंगे। विभाग के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।

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क्या कहते हैं संघ के पदाधिकारी

बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के जिला संरक्षक प्रमोद शर्मा ने बताया कि सेविका व सहायिकाओं की मांग वाजिब है। केंद्र में कार्य करने वाली सेविकाओं व सहायिकाओं को सरकार अविलंब सरकारी कर्मचारी का दर्जा दें। सरकार विभागीय कार्यों के अलावा गैर विभागीय कार्य कराकर सेविका व सहायिका का शोषण कर रही है। जब तक मांग पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी।

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जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल

बड़हिया - स्वीकृत 170, कार्यरत 143, मिनी आंगनबाड़ी 17

लखीसराय व चानन - स्वीकृत 262, कार्यरत 261

सूर्यगढ़ा - स्वीकृत 327, कार्यरत 318, मिनी आंगनबाड़ी 55

हलसी - स्वीकृत 121, कार्यरत 115, मिनी आंगनबाड़ी 26

रामगढ़ चौक - स्वीकृत 71, कार्यरत 71

पिपरिया - स्वीकृत 59, कार्यरत 58, मिनी आंगनबाड़ी 17

आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की औसत संख्या - 40

मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की औसत संख्या - 2


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