06 वर्षों में यक्ष्मा ने ली 149 लोगों की जान
लखीसराय [मुकेश कुमार]। नक्सल प्रभावित लखीसराय जिले में यक्ष्मा रोग का जाल तेजी से फैल रहा है। जागरूक
लखीसराय [मुकेश कुमार]। नक्सल प्रभावित लखीसराय जिले में यक्ष्मा रोग का जाल तेजी से फैल रहा है। जागरूकता की कमी एवं नियमित रूप से दवा का सेवन नहीं करने पर यह बीमारी जीवन के लिए असाध्य व खतरनाक बनती जा रही है। जिला यक्ष्मा केंद्र की रिपोर्ट भी साफ संकेत दे रही है कि अगर डॉट्स केंद्रों पर संक्रमित मरीज पूरी दवा का सेवन नहीं करते हैं तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है। जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सदर अस्पताल लखीसराय में डॉट्स केंद्र चल रहे हैं जहां मुफ्त बलगम जांच एवं दवा उपलब्ध है। जिले में प्रत्येक वर्ष करीब 600 से अधिक लोग यक्ष्मा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
जिले में छह वर्षों में यक्ष्मा का आंकड़ा
वर्ष 2010 से 2015 तक
3,865 लोगों की हुई है कुल बलगम जांच
1,781 मरीजों का हुआ है पूर्ण इलाज
1,384 मरीज दवा लेने के बाद हुए ठीक
149 यक्ष्मा पीड़ित मरीजों की हुई है मौत
वर्षवार यक्ष्मा मरीज का आंकड़ा
वर्ष 2010
यक्ष्मा मरीज - 648
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 337
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 21
वर्ष 2011
यक्ष्मा मरीज - 637
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 277
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 08
वर्ष 2012
यक्ष्मा मरीज - 692
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 294
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 23
वर्ष 2013
यक्ष्मा मरीज - 613
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 269
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 35
वर्ष 2014
यक्ष्मा मरीज - 660
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 338
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 36
वर्ष 2015
यक्ष्मा मरीज - 615
इलाज पूर्ण मरीज की संख्या - 266
यक्ष्मा मरीजों की मौत - 26
वर्ष 2016
यक्ष्मा मरीज अब तक - 599
क्या कहते हैं पदाधिकारी
यक्ष्मा मरीजों के लिए जरूरी है कि दवाई लगातार और पूरे समय तक लें। बीच में दवा सेवन छोड़ देने से इसका असर समाप्त हो जाता है। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त बलगम जांच एवं दवा उपलब्ध है।
- डॉ. सुरेश शरण, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी