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कानीमोह में सॉफ्ट टारगेट पर पुलिस को लेते नक्सली

लखीसराय। नक्सल प्रभावित कजरा थाना क्षेत्र के घोघर घाटी व कानीमोह में वर्ष 2010 में 29 अगस्त के दिन नक्सली मुठभेड़ में तत्कालीन कवैया थानाध्यक्ष भूलन यादव सहित सात बीएमपी जवानों की शहीदी पर पुलिस महकमे के साथ ही आम लोगों ने नमन किया।

By Edited By: Published: Mon, 29 Aug 2016 07:34 PM (IST)Updated: Mon, 29 Aug 2016 07:34 PM (IST)
कानीमोह में सॉफ्ट टारगेट पर पुलिस को लेते नक्सली

लखीसराय। नक्सल प्रभावित कजरा थाना क्षेत्र के घोघर घाटी व कानीमोह में वर्ष 2010 में 29 अगस्त के दिन नक्सली मुठभेड़ में तत्कालीन कवैया थानाध्यक्ष भूलन यादव सहित सात बीएमपी जवानों की शहीदी पर पुलिस महकमे के साथ ही आम लोगों ने नमन किया। उक्त पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस जवानों के शहादत के छह वर्ष बीत जाने के बावजूद कमजोर पुलिस तंत्र के कारण नक्सलियों की पैठ मजबूत होती जा रही है। नक्सली इसे सेफ जोन बनाकर बार-बार पुलिस को ललकार रहा है।

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इसी साल बीते 09 अगस्त की रात घोघरघाटी कानीमोह जंगल में फिर भीषण मुठभेड़ हो गई थी। एसटीएफ जवान (एसजेसी -376) भागलपुर जिला के खरीक बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत नवादा कीदतपुर निवासी अम्बिका मंडल के पुत्र अजय कुमार मंडल शहीद हो गए थे। जबकि 29 अगस्त 2010 को इसी इलाके में तत्कालीन कवैया थानाध्यक्ष भूलन यादव के अलावा 6 बीएमपी जवान शहीद हुए थे। शहीद जवानों के पास रहे हथियार व कारतूस लूट लिया गया था। बीएमपी के दारोगा लुकस टेटे, माणिकपुर ओपी अध्यक्ष अभय यादव एवं कजरा थाना में पद स्थापित प्रशिक्षु दारोगा रूपेश कुमार का अपहरण कर लिया था। चार दिन बाद लूकस टेटे की हत्या कर दी गई है। शहीद दिवस पर सबने फल माला चढ़ाया। लेकिन असली श्रद्धांजलि तो तब होगी जब नक्सलियों की जड़ें कमजोर होगी।


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