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विश्राम भगत के परिजनों से छीन गया जीने का सहारा

लखीसराय। बिहार एवं झारखंड का विभाजन के पहले 1988 में बिहार पुलिस की बहाली में पुलिस बल

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 12:06 AM (IST)
विश्राम भगत के परिजनों से छीन गया जीने का सहारा
विश्राम भगत के परिजनों से छीन गया जीने का सहारा

लखीसराय। बिहार एवं झारखंड का विभाजन के पहले 1988 में बिहार पुलिस की बहाली में पुलिस बल के कांस्टेबल पद पर विश्राम भगत बहाल हुए थे। इसके बाद बेहतर सेवा देने के अलावे विभागीय नियमानुसार 29 साल की सेवा में उन्हें सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति मिली। झारखंड राज्य के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के देवकीकाना टोला गांव के बुधु उरांव पुत्र सब इंस्पेक्टर विश्राम भगत दो भाई में छोटा था। 1988 में बिहार पुलिस की नौकरी पाकर अपनी पत्नी, दो पुत्रों एवं एक पुत्री को बेहतर जीवन देने का प्रयास किया। बच्चों को उचित शिक्षा देने के लिए ही उसने कभी परिवार को अपने साथ नहीं रखा। चूंकि स्थानांतरण के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। परिवार को बेहतर माहौल देने के लिए उसने देवकीकाना टोला गांव से सभी को घाघरा ले आए। घाघरा में ही उन्होंने अपना नया मकान भी बनाया। लेकिन नियति को यह मंजूर नहीं थी और विश्राम भगत असमय ही परिवार को छोड़कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली।


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