तीन वर्षो में किऊल-गया रेलखंड होगा डबलिंग ट्रैक
लखीसराय। रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर। आने वाले वर्षो में अब किऊल-गया रेलखंड भी डबल ट्रैक का होगा।
लखीसराय। रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर। आने वाले वर्षो में अब किऊल-गया रेलखंड भी डबल ट्रैक का होगा। किऊल-गया रेलखंड पर दोहरीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए बकायदा गया की तरफ से मिट्टी भराई और स्लैब लगाए की कवायद शुरू कर दी गई है। 124 किमी लंबी इस खंड पर दोहरीकरण का कार्य पूरा करने के लिए 2019-20 तक का लक्ष्य रखा गया है। दोहरीकरण पर 1354.22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
आगामी तीन वर्ष के अंदर कार्य पूरा करने के लिए रेलवे इस योजना को धरातल पर उतारने की पहल शुरू कर दी है। कार्य पूरा होने के बाद लखीसराय, शेखपुरा, नवादा और गया जिले को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। साथ ही पूर्व बिहार और मगध क्षेत्र के जिलों में विकास की रफ्तार भी रेलवे की पटरी पर पकड़ेगी। इस क्षेत्र के लोग वर्षों पुरानी अपनी मांग को प्रभु की कृपा से सरजमीं पर उतरता देख क्षेत्र के लोग भी काफी उत्साहित हैं।
वर्तमान में किऊल-गया रेलखंड में ¨सगल रेलवे लाइन होने की वजह से एक एक्सप्रेस ही रोजना चलती है। इस खंड पर ज्यादातर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है। साथ ही नियमित व समय पर ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से यात्री इस रेल मार्ग में ट्रेन से सफर करने के बजाय सड़क मार्ग से चलते हैं। दोहरीकरण के साथ किऊल-गया रेलखंड पर नियमित व व्यवस्थित रूप से ट्रेन परिचालन करने के लिए किऊल स्टेशन में प्लेटफार्म संख्या एक के बगल में दो प्लेटफार्म का निर्माण कराया जा रहा है।
लखीसराय स्टेशन का हो रहा विस्तार
किऊल-गया रेलखंड पर दोहरीकरण काम के साथ-साथ लखीसराय स्टेशन पर विस्तारीकरण का भी काम चल रहा है। यहां एक और नया प्लेटफार्म का निर्माण कराया जाना है। लखीसराय में प्लेटफॉर्म नंबर तीन से गया के लिए ट्रेनें खुलेंगी। अभी लखीसराय स्टेशन पर दो प्लेटफॉर्म हैं। इन दोनों से हावड़ा और दिल्ली जाने-आने वाली ट्रेनें गुजरती हैं। गया जाने वाली ट्रेनों को ट्रैक चेंज करना पड़ता है। एक और प्लेटफार्म बन जाने से गया जाने वाली ट्रेनों को सुविधा होगी।
रेलवे पुल का निर्माण अंतिम चरण में
किऊल नदी स्थित पुराने रेलवे पुल के समानांतर एक और नए रेलवे पुल का निर्माण भी अंतिम चरण में है। रेलवे के इंजिनिय¨रग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समय पर कार्य पूरा करने के लिए दोहरीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या
डबल ट्रैक बन जाने से इस रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। इस रूट के बड़े-छोटे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा। यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। यात्रियों को ट्रेन की लेटलतीफी से निजात मिलेगी। अभी एक ट्रैक से अप-डाउन मिलाकर 16 ट्रेनों का परिचालन होता है। इस रूट से हर दिन 20 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं।