चलंत लोक अदालत के निर्णय को नहीं दी जा सकती चुनौती
लखीसराय। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को हलसी प्रखंड मुख्यालय स्थित अंबेडकर भवन में जिल
लखीसराय। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को हलसी प्रखंड मुख्यालय स्थित अंबेडकर भवन में जिला विधिक सेवा प्राधिकार लखीसराय के तत्वाधान में पटना से संचालित चलंत लोक अदालत का आयोजन हुआ। चलंत लोक अदालत की अध्यक्षता उच्च न्यायालय पटना के सेवानिवृत्त न्यायधीश नन्दकिशोर तिवारी ने की। श्री तिवारी ने उपस्थित लोगों से कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है कि आपसी समझौते से विवाद को खत्म करना। दोनों पक्षकारों से आपसी समझौता के तहत सात साल से कम की सजा वाले मामले का निबटारा किया जा सकता है। इस फैसले में किसी भी व्यक्ति की हार-जीत नहीं होती है। इस अदालत के फैसले के बाद किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। चलंत लोक अदालत में अंचल से 228 दस्तावेज की जमाबंदी, 15 लोगों को भूस्वामित्व प्रमाण पत्र एवं मुंगेर-जमुई सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के एक मामले का निष्पादन किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता सदस्य रणवीर ¨सह, समाजसेवी सदस्य नागेन्द्र झा, कर्मचारी दिनेश कुमार पाठक, जवाहर ¨सह, सुमन कुमार आदि उपस्थित थे।
------ब्लर्ब-उच्च न्यायालय पटना के सेवानिवृत्त न्यायधीश नन्दकिशोर तिवारी कहा कि सात वर्ष कम सजा के मामले का हो सकता है निष्पादन