गांव-गांव बिस्कुट बेचने वाला का पुत्र टॉप टेन में
लखीसराय। कड़ी मेहनत व सच्ची लगन हो तो सफलता पहाड़ चीर कर भी रास्ता बना लेती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया न
लखीसराय। कड़ी मेहनत व सच्ची लगन हो तो सफलता पहाड़ चीर कर भी रास्ता बना लेती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया नक्सल प्रभावित चानन प्रखंड क्षेत्र के लाखोचक गांव के गुदरी के लाल कारे लाल मोदी का छोटा पुत्र रॉकी कुमार ने। रॉकी मैट्रिक परीक्षा 2017 में 429 अंक लाकर जिले में 10वां स्थान प्राप्त किया है। गरीबी की ¨जदगी जी रहे रॉकी के पिता प्रतिदिन गांव-गांव झोले में बिस्कुट लेकर बेचता है तो दो जून की रोटी का जुगाड़ हो पाता है। मामूली कमाई में ही अपने बेटे को गांव स्थित स्कूल पढ़ने भेजता था। रॉकी की बूढ़ी मां उमा देवी कुशल भाव की सीधी साधी घरेलू महिला हैं। कारे लाल एवं उमा देवी को अपने बेटे के टॉप टेन के बारे में जानकारी होना तो दूर परीक्षा का परिणाम आया है वह भी पता नहीं था। जब जागरण टीम ने ¨सहचक गांव स्थित उसके घर पर पहुंचकर यह जानकारी दी तो उसे बहुत खुशी नहीं हुई। क्योंकि घर की माली हालत ठीक नहीं रहने के कारण रॉकी मैट्रिक परीक्षा के बाद ही कमाने के लिए चेन्नई चला गया। टॉपर छात्रों का सपना जहां आईएएस, इंजीनियर, डॉक्टर बनने की है वहीं रॉकी का सपना बाहर जाकर मजदूरी करके अपने परिवार एवं वृद्ध मां पिता को भोजन की व्यवस्था करने की है। हालांकि रॉकी के पिता का सपना है कि उसका बेटा यदि मेधावी है तो आगे भी पढ़े। वह अपने टेढ़े कमर पर बिस्कुट का थैला लादकर भी अपने बेटे के सपने को साकार करने का प्रयास करेंगे।