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मोबाइल टावरों की कमी से ड्रॉप बनी आफत

लखीसराय। बदलते दौर में मोबाइल नेटवर्किंग का जाल शहर से लेकर गांव तक तेजी से फैलता जा रहा है। मोबा

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 01:01 AM (IST)
मोबाइल टावरों की कमी से ड्रॉप बनी आफत
मोबाइल टावरों की कमी से ड्रॉप बनी आफत

लखीसराय। बदलते दौर में मोबाइल नेटवर्किंग का जाल शहर से लेकर गांव तक तेजी से फैलता जा रहा है। मोबाइल कंपनियां भी ग्राहकों को 4जी तकनीक उपलब्ध कराने में जुटा है। बावजूद इसके कॉल ड्रॉप की समस्या से आज भी सैकड़ों लोग रोज जूझ रहे हैं। जागरण ने जब इसकी पड़ताल की तो पाया कि मोबाइल टावर (रेडियो कवरेज) की कमी सबसे बड़ा अड़ंगा है।

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कॉल ड्रॉप का क्या है कारण

2जी का नेटवर्क 2 से 3 किलोमीटर दायरे तक काम करता है। 3जी का नेटवर्क 500 मीटर से एक किलोमीटर अधिकतम दायरे तक काम करता है तथा 4जी नेटवर्क सही ढंग से काम करे इसके लिए प्रत्येक दो किलोमीटर पर एक मोबाइल टावर जरूरी है जो सरकारी कंपनियों के पास नहीं है। कुछ प्राइवेट कंपनी ट्राइ के नियमों हटकर अधिक पावर रेडिएशन जारी करता है। जिसका दायरा 3 से 4 किलोमीटर तक होता है। अधिक पावर रेडिएशन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 3जी नेटवर्क के लिए प्रत्येक एक किमी की दूरी पर एक टावर जरूरी है जो संभव नहीं है। घनी आबादी जहां है वहां 2जी, 3जी ठीक से काम करता है। लेकिन ग्रामीण अंचलों में कॉल ड्रॉप की समस्या बनी रहती है।

डेड स्पॉट जहां कॉल ड्रॉप की गंभीर समस्या

जिले के नक्सल प्रभावित चानन व सूर्यगढ़ा प्रखंड के जंगली व पहाड़ी इलाके (अभयपुर, कसबा, कुंदर, बंगलवा आदि) बड़हिया टाल क्षेत्र एवं पिपरिया प्रखंड के दियारा क्षेत्र में डेड स्पॉट है जहां आज भी कॉल ड्रॉप की गंभीर समस्या बनी हुई है।

27 नए मनोबल टावर लगेंगे

फोटो : 20 एलएचके 12

कॉल ड्रॉप से निजात पाने के लिए जिले में 27 नए मनोबल टावर लगेंगे। जिसमें 13 टावर की स्वीकृति सरकार ने दी है। इसके लिए स्थल का चयन किया जा रहा है। तीन-चार माह में इसे लगा दिया जाएगा।

राजीव रंजन कुमार, उपमंडल अभियंता, दूरसंचार विभाग लखीसराय

क्या कहते हैं लोग

फोटो : 20 एलएचके 6

बीएसएनएल सहित अन्य प्राइवेट कंपनियों का नेटवर्क खराब रहने के कारण कॉल करने पर ठीक से बात नहीं होती है। तथा कभी-कभी तो बिना बात किए राशि काट ली जाती है।

- चंदन कुमार

फोटो : 20 एलएचके 7

3जी या 4जी सब एक समान है। नेटवर्क की समस्या के कारण कभी-कभी जरूरी बात भी नहीं हो पाती है। इंटरनेट भी ठीक से काम नहीं करता है। बात करते-करते फोन कट जाता है।

- प्रमोद दास

फोटो : 20 एलएचके 8

शहरी क्षेत्र में भी नेटवर्क ठीक रहने के कारण कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझना पड़ता है। बीएसएनएल की स्थिति सबसे खराब है। 4जी सीम से भी कॉल ड्रॉप की समस्या खत्म नहीं हुई है।

- सुमित ड्रोलिया

फोटो : 20 एलएचके 9

ग्रामीण क्षेत्रों में तो सरकारी व निजी कंपनियों का मोबाइल नेटवर्क काफी कमजोर रहता है। काफी मशक्कत के बाद फोन लगता भी है तो बात करते-करते कट जाता है। फिर दुबारा जल्दी लगता नहीं है।

- रंजीत कुमार

फोटो : 20 एलएचके 10

नेटवर्क ठीक नहीं रहने के कारण इंटरनेट का काम बाधित करता है। वोडाफोन, एयरसेल, बीएसएनएल आदि कंपनियों का एक ही हाल है। कॉल रिसीव होने पर पूरी बात हुए ही कट जाता है।

- मनीष कुमार

फोटो : 20 एलएचके 11

लखीसराय से रामगढ़ चौक आने में कई जगहों पर मोबाइल काम नहीं करता है। फोन पर बात करते-करते कट जाता है। बीएसएनएल से दूसरी कंपनी के नंबर पर फोन लगाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

- धीरेन्द्र मिश्


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