यदि रहें जागरूक तो निर्माण कामगार को मिलेगा बड़ा लाभ
लखीसराय। यदि जागरूक रहें तो निर्माण कामगारों को बड़ा लाभ मिल सकता है। श्रम संसाधन विभाग पंजीकृत निर्म
लखीसराय। यदि जागरूक रहें तो निर्माण कामगारों को बड़ा लाभ मिल सकता है। श्रम संसाधन विभाग पंजीकृत निर्माण कामगारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। पर इन योजनाओं का लाभ जानकारी के अभाव में जिले के पंजीकृत निर्माण कामगार नहीं ले पा रहे हैं। श्रम विभाग भी इसके लिए कम लापरवाह नहीं है। विभाग की ओर से कभी भी इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम या फिर असंगठित क्षेत्र में कार्यशाला का आयोजन नहीं किया जाता है। यही कारण है कि एक भी पंजीकृत निर्माण कामगार को योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। ये अलग बात है कि जिले के 17 निर्माण कामगार ने बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ लिया है। इसके तहत तीन निर्माण कामगार मजदूर की सामान्य मृत्यु होने पर प्रत्येक मजदूर के आश्रित को 30-30 हजार रुपये एवं 14 निर्माण कामगार मजदूर की दुर्घटना में मौत होने पर प्रत्येक मृतक मजदूर के आश्रित को एक-एक लाख रुपये का अनुदान मिला है।
निर्माण कामगार मजदूर कौन
भवन निर्माण में संलग्न मजदूर, राज मिस्त्री, बढ़ई, लुहार, पुताई करने वाले, भवन में बिजली का कार्य करने वाले, टाइल्स लगाने वाले, सें¨ट्रग व छड़ बांधने वाले, रोलर चालक, सड़क पुल, बांध बनाने वाले मजदूर, जल प्रबंधन में लगे मजदूर, ईंट निर्माण एवं पत्थर तोड़ने वाले, रेलवे, टेलीफोन के कार्य में लगे अस्थायी कामगार।
निर्माण कामगार मजदूर के निबंधन की प्रक्रिया
18 से 60 वर्ष के निर्माण कामगार मजदूर निबंधन करा सकते हैं। निबंधन शुल्क 20 रुपये, पांच वर्षों तक के लिए अंशदान के रूप में 30 रुपये। पांच वर्ष पूरा होने के बाद पांच वर्षों के लिए 30 रुपये अंशदान जमा कर नवीकरण कराया जाता है।
श्रम संसाधन विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं
1,00,000 रुपये - स्वभाविक मृत्यु होने पर
4,00,000 रुपये - दुर्घटना में मृत्यु होने पर
दुर्घटना में मृत्यु होने पर आपदा प्रबंधन द्वारा अनुदान मिलने की स्थिति में एक लाख रुपये अनुदान ही मिलेगा।
मातृत्व लाभ - निर्माण कामगार महिला मजदूर को दो प्रसव तक प्रति प्रसव 10 हजार रुपये।
विकलांगता पेंशन - लकवा, कुष्ठ, दुर्घटना आदि में स्थायी रूप से अपंग होने पर एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन। पूर्ण निशक्तता की स्थिति में एकमुश्त 75 हजार रुपये एवं स्थायी आंशिक निशक्तता की स्थिति में एकमुश्त 50 हजार रुपये।
- आइआइटी, आइआइएम, एम्स आदि संस्थानों में पुत्र अथवा पुत्री के दाखिला लेने पर पूरे कोर्स का ट्यूशन फी दिया जाना है।
- अधिकतम दो व्यस्क पुत्रियों के लिए 50 हजार रुपये सहायता।