दारोगा विश्राम भगत की खुदकशी का गुनाहगार कौन?
लखीसराय। आखिरकार वहीं हुआ जिसका अंदाजा महीनों से लगाया जा रहा था। जिले के हलसी थाना में पदस्थापित प
लखीसराय। आखिरकार वहीं हुआ जिसका अंदाजा महीनों से लगाया जा रहा था। जिले के हलसी थाना में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक विश्राम भगत अब इस दुनियां में नहीं रहे। गुरुवार की रात उसने थाना परिसर स्थित आवास के कमरे में गले में फंदा डालकर खुदकशी कर ली। काम के बोझ और विभागीय अधिकारी की दबंगई के कारण वह करीब पांच साल से परेशानी में थे। अपनी गलती नहीं रहने के बाद भी वह वेतन का मोहताज हो गया। जब उसका कोई नहीं सुना तो उसने दुनियां ही छोड़ना उचित समझा। कई सवालों के बीच विश्राम की मौत के बाद पूरा पुलिस महकमा कठघरे में आ गया है। यदि उसकी खुदकशी के कारणों की पड़ताल एवं जांच हो तो पुलिस के वरीय पदाधिकारी की परेशानी बढ़ सकती है। खुदकशी के कारणों का खुलासा का इंतजार है इस बीच बीच घटना से जिले के पुलिस महकमे में शोक के साथ ही कई तरह की चर्चाएं भी होने लगी है। पुलिस के वरीय अधिकारी फिलहाल इस पूरे मामले में अपने बचाव की मुद्रा में हैं। बताया जाता है कि दारोगा विश्राम भगत 25.9.12 से 20.8.2015 तक करीब तीन वर्षों तक लखीसराय थाना में पदस्थापित रहे। इस दौरान वे मालखाना के भी चार्ज में थे। अगस्त 2015 में विश्राम भगत का स्थानांतरण जमुई जिले में हो गया था। स्थानांतरण के बाद वे मालखाना का प्रभार देने के लिए थानाध्यक्ष से लेकर एसपी तक आवेदन देकर गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी और न ही मालखाना का प्रभार लिया। बिना प्रभार दिए विश्राम भगत 20.8.15 से 29.11.16 तक जमुई जिला में पदस्थापित रहे। उल्टे मालखाना का प्रभार नहीं देने के कारण उसका वेतन बंद कर दिया गया। वेतन बंद होने के बाद माली हालत देखते हुए जमुई के एसपी ने मूल वेतन का आधा वेतन भुगतान करने का आदेश दिया। इस बीच 30.11.2016 को पुलिस अवर निरीक्षक विश्राम भगत स्थानांतरित होकर दुबारा लखीसराय में योगदान किया। 11 जनवरी 2017 को विश्राम भगत ने जिले के हलसी थाना में योगदान किया। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 से अब तक यानि करीब पांच वर्षों में भी विश्राम भगत से मालखाना का प्रभार किसी ने नहीं लिया। बताया जाता वेतन बंद होने से आर्थिक व मानसिक रूप से पीड़ित विश्राम भगत के अनुरोध के बाद ही उसे जमुई के चकाई थाना से लखीसराय में पदस्थापित किया गया ताकि मालखाना के प्रभार से मुक्त होकर दोषमुक्त हो सके। लखीसराय जिले में दुबारा पदस्थापन के बाद उन्होंने कई बार पुलिस अधीक्षक व अन्य पदाधिकारी से मिलकर मालखाना का प्रभार ले लेने की गुहार लगाई थी।संभावना जताई जा रही है कि न्याय की उम्मीद खत्म होते देख उसकी हिम्मत टूट गई और उसने खुदकशी कर ली।
मृतक दारोगा कब और कहां थे पदस्थापित
29.3.12 से 13.8.2012 तक - हलसी थाना
14.8.12 से 24.9.2012 तक - बड़हिया थाना
25.9.12 से 20.8.2015 तक - लखीसराय थाना
20.8.15 से 30.11.2016 तक - जमुई जिले में
11.1.17 से अब तक - हलसी थाना