बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ी
संस., लखीसराय : विगत कई दिनों से आसमान में छाए बादल ने सोमवार की सुबह अपना रूप दिखा दिया। सुबह से ही
संस., लखीसराय : विगत कई दिनों से आसमान में छाए बादल ने सोमवार की सुबह अपना रूप दिखा दिया। सुबह से ही जिले में बूंदा-बांदी होने लगी जो पूरे दिन कायम रही। लोगों ने सूर्य का दर्शन नहीं किया एक बार फिर जा रही ठंड लौट आई। मौसम की बेरूखी से जिले का हर तबका परेशान दिखा। होली को लेकर सजा बाजार भी सूना रहा वहीं किसानों के तो कमर ही टूट गए। सबसे अधिक मायूसी किसानों में देखी गई। इस मौसम में हुई वर्षा एवं हवा से रबी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। बेमौसम की बारिश से मुख्य रूप से चना, मसूर, सरसों, गेहूं, आम, प्याज आदि फसलों को काफी नुकसान होगा। गेहूं की फसल अभी पकने पर है। वर्षा के साथ तेज हवा के चलने पर गेहूं का पौधा जमीन पर गिर जाएगा। जिससे गेहूं की फसल को काफी नुकसान होगा। वर्तमान समय में चना की फसल में फूल दे रहा है। वर्षा के कारण चना के फसल से नोनी एवं चना के फूल का पराग धूल जाएगा। जिससे चना में काफी कम फली लगेगा। सरसों एवं मसूर की फसल पककर तैयार हो गई है। वर्षा होने से सरसों एवं मसूर के फसल को भी काफी नुकसान होगा। वर्षा में आम के मंजर के झड़ने की संभावना है। इसके अलावा चना एवं आम की फसल में कीड़े-मकोड़े का भी प्रकोप बढ़ जाने की संभावना बन गई है। कुल मिलाकर इस वर्षा से सभी रबी फसलों को नुकसान होगा।
कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिक डा. बी.के. सिंह की मानें तो रबी फसल सूखा मौसम का है। वर्षा होने पर रबी फसलों को नुकसान ही होता है। वर्षा होने पर रबी फसल में होने वाले कीड़े-मकोड़े के प्रकोप पर ही नियंत्रण संभव है। अन्य नुकसान से बचाने का उपाय संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक लीटर पानी के साथ एक एमएल ट्राय सेक्लाजोल, क्लोरोपायरी फॉस अथवा प्रोपेनोफॉस का घोल बनाकर फसल में छिड़काव करने से कीड़े-मकोड़े पर नियंत्रण किया जा सकता है।