यहां महिला डाक्टर नहीं नर्स कराती है प्रसव
प्रवीण राठौर, संसू., सूर्यगढ़ा (लखीसराय) : कुल 28 पंचायत, लगभग तीन लाख की आबादी। सभी के स्वास्थ्य की
प्रवीण राठौर, संसू., सूर्यगढ़ा (लखीसराय) : कुल 28 पंचायत, लगभग तीन लाख की आबादी। सभी के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रखंड मुख्यालय में मात्र एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। यह बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर मजाक तो नहीं। एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सक, कर्मी एवं संसाधन का अभाव। बीमार लोग जाए तो कहां। ऐसे सवालों से जुड़ी है प्रखंड की आबादी। आश्चर्य यह भी की यहां महिला डाक्टर नहीं बल्कि नर्स ही कराती है महिलाओं का प्रसव। एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार नियमित, दो अनुबंध, पाच आयुष चिकित्सक सहित 12 चिकित्सक कार्यरत हैं। पर, एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। यहां प्रत्येक दिन 200-225 मरीज इलाज हेतु आते हैं। इमरजेंसी, प्रसव के अलावा विभिन्न बीमारी का इलाज व जाच कराने आने वाले मरीजों को दवा उपलब्ध कराने की बात हो तो कुछ कॉमन दवाई छोड़ कर अधिकाश दवाईया उन्हें बाहर की मेडिकल दुकानों से खरीद कर लाने की मजबूरी होती है। मरीजों को स्वस्थ रखने के लिए अस्पताल की स्वच्छता भी जरूरी है लेकिन आश्चर्य यह कि यहां एक भी सफाई कर्मी नहीं है। कहने को बाह्य एजेंसी के तहत तीन सफाई कर्मी है। पर, परिसर की गंदगी इनके इमानदारी पूर्वक काम का का प्रमाण देने के लिए काफी है। यहां 10-15 किलोमीटर की दूरी तय कर नक्सल प्रभावित कजरा, पीरी थाना, मेदनी चौकी के लोग आते हैं। समीपवर्ती बेगूसराय जिला के शाम्हो प्रखंड क्षेत्र से भी हर रोज मरीज आते हैं। पर, लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के शिकार वे लोग हर रोज होते हैं। बंध्याकरण एवं प्रसव का काम जमीन पर लेट कर होता है। इसके पीछे बेड की कमी बताया जाता है। हालांकि इसी परिसर में 30 शय्या का नया भवन का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
अस्पताल पहुंचे मरीजों की जुबानी
महिला मरीज सुलोचना देवी, मधु देवी, पुष्पा देवी, किरण कुमारी, शकुंतला देवी, सुषमा कुमारी आदि ने बताया कि अस्पताल में व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं है। गरीबी के कारण और कोई उपाय भी नहीं है। ठंड के मौसम में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। इमरजेंसी मरीज के आने पर रेफर करने की व्यवस्था यहां के कर्मियों ने बना रखी है। बंध्याकरण के कार्य से पहुंची सुनैना देवी, लखपतिया देवी, मुन्नी देवी कहती है कि प्रसव हेतु लगने वाली सभी दवाएं बाजार से खरीदकर लानी पड़ती है। प्रसव के बाद अवैध रुपए से राशि वसूलने की परिपाटी बनी हुई है।
क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार मिश्रा की मानें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर स्वास्थ्य मुहैया कराने के लिए सतत प्रयासरत हैं। वहीं जगह की कमी के बावजूद मरीजों का हरसंभव ख्याल रखा जाता है। नए भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद ऐसी समस्या नहीं रह जाएगी।
चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की वर्तमान स्थिति
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र -01
अतिरिक्त पीएचसी - 06
उप-स्वास्थ्य केंद्र - 32
एएनएम नियमित - 44
एनएमआर - 32
जीएनएम -12
प्रतिनियोजन - 02
आशा कार्यकर्ता - 290
ईएमटी - 04
ड्रेसर - 01
फार्मासिस्ट - 03
हेल्थ ऐडुकेटर - 01
स्वास्थ्य प्रबंधक - 01
ऐसेट - 01
डीसीएम - 01
कलाजार तकनीशियन - 01
एचएचआईभी - 01
काउंसलर - 01
एलएचभी -01
नियमित चिकित्सक - 5
अनुबंधित चिकित्सक - 2
आयुष चिकित्सक - 5
महिला चिकित्सक - एक भी नहीं।