गोपाष्टमी की टूटी परंपरा, नहीं निकली गौ शोभा यात्रा
संस., लखीसराय : शहर के नया बाजार स्थित एक मात्र गौशाला में गोपाष्टमी पर होने वाला परंपरागत कार्यक्रम
संस., लखीसराय : शहर के नया बाजार स्थित एक मात्र गौशाला में गोपाष्टमी पर होने वाला परंपरागत कार्यक्रम इस बार नही हो पाया। ट्रस्ट की लापरवाही कहें या फिर उदासीनता शुक्रवार को गोपाष्टमी पर न तो नगर भ्रमण के लिए गौ शोभा यात्रा निकली और न ही गौशाला में कोई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महज खानापूर्ति कर वर्षों से चली आ रही परंपरा को ट्रस्ट के सदस्यों ने भुला दिया। इसके कारण शहर के लोग सुबह से दोपहर तक गौ शोभा यात्रा का इंतजार करते रहे अंत में गौशाला या दूसरे स्थानों पर जाकर गौ पूजा की। बताया जाता है कि गौशाला की स्थापना वर्ष 1948 से यह परंपरा बनी रही की गोपाष्टमी पूजा पर सुबह में ढोल बाजे के साथ गायों को सजा कर नगर में गौ शोभायात्रा निकाली जाती रही। शहर के लोग सुबह से गौ माता के लिए श्रद्धापूर्वक विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर एवं अन्न खिलाने के लिए शोभायात्रा का इंतजार करते थे। यह परंपरा इस बार ट्रस्ट के सदस्यों की मनमानी के कारण के टूट गई। इसके अलावा गौशाला में गोपाष्टमी के अवसर पर दो दिन तक विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन होता था। जिसमें शहर के काफी लोग जूटते थे। इस बार न तो शोभायात्रा निकाली गई और न ही कोई कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जानकारी के अनुसार गौशाला के लिए बनाये गये ट्रस्ट लखीसराय चेरिटेबुल गौशाला सोसायटी के पदेन अध्यक्ष अनुमंडलाधिकारी होते हैं। इसके अलावे सचिव श्यामसुंदर टिबडे़वाल एवं कोषाध्यक्ष राजेन्द्र सिंघानिया सहित 15 सदस्यीय ट्रस्ट बोर्ड की कमेटी है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष श्री सिंघानिया के शरदचंद हत्याकांड में अभियुक्त बनाये जाने के बाद से फरार रहने के कारण इस बार किसी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। सोसाइटी के सचिव श्याम सुंदर टिबडे़वाल ने भी इससे सहमति रखते हुए बताया कि कोषाध्यक्ष के नहीं रहने के कारण किसी प्रकार का कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है। गौशाला की साफ-सफाई कराकर पूजा की गई है। ज्ञानबर्द्धक बैनर पोस्टर भी लगाये गये हैं। इनका कहना था कि ट्रैफिक समस्या एवं गायों की सेहत खराब हो जाने के कारण गौ शोभा यात्रा इस बार नहीं निकाली जा रही है। इस संबंध में ट्रस्ट के अध्यक्ष सह एसडीओ अंजनी कुमार ने पूछे जाने पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। परंपरागत तरीके से कार्य होना चाहिए। इस संबंध में ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। किसी एक व्यक्ति के नहीं रहने से परंपरा नहीं बदली जा सकती है।